जींद – हाल ही में थाईलैंड में हुई जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में अंशु मलिक ने गोल्ड मेडल जीत कर अपने देश ओर समाज का नाम रोशन किया हैं। अंशु मलिक ने थाईलैंड में 59 किलोग्राम भार वर्ग में अंशु मलिक ने कजाकिस्तान की पहलवान को 10-0से हराकर थाईलैंड में तिरंगा फहराया है। अंशु मलिक ने मात्र ११ साल की उम्र से ही अपने भाई अंकित से प्रेरित होकर कुश्ती की दुनिया में कदम रखा। जबकि पहलवान अंशु मलिक के
दादा वीर सिंह अंतरराष्ट्रीय वैटरन एथलीट है तथा ताऊ हरियाणा केसरी पवन कुमार साऊथ एशियन गेम्ज के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान हैं। अपनी इसी पृष्टभूमि से निकलकर अंशु मलिक
ने अपने कुश्ती जगत में पहले कदम से लेकर आज तक अंशु मलिक ने जूनियर विश्व चैंपियनशिप, जूनियर एशियन चैंपियनशिप, विश्व कैडेट चैंपियनशिप सहित कई प्रतियोगिताओ में नौ इंटरनेशनल मेडल सहित नेशनल चैंपियनशिप में कई स्वर्ण पदक पर कब्जा किया हैं। खास बात यह है कि पढ़ाई में भी अंशु काफी होशियार है। दसवीं व बारहवीं में 80 प्रतिशत
से अधिक अंक हासिल किए हैं। अब वह रोहतक जाट कॉलेज से बीए कर रही हैं। लेकिन सबसे दुखद बात यह है कि इतने सारे मेडल जीतने के बाद भी अंशु मलिक को सरकार से कोई खास मदद नहीं मिली हैं।
अपने अगले लक्ष्य जापान में होने वाले ओलंपिक को साधने के लिए अंशू मलिक जी तोड़ मेहन कर रही है। जिसके लिए व हर रोज 250 ग्राम बादाम, तीन किलो दूध, 250 ग्राम घी,अखरोट, अंजीर, जूस आदि लेती हैं। तथा सुबह-शाम तीन से चार घंटे प्रैक्टिस में निकले अपने पसीने को गोल्ड में बदलने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही हैं।
इन प्रतियोगिताओं में जीते पदक
एथेंस में विश्व कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड
स्लोवाकिया में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड
ताईवान में एशिया कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में सिल्वर
आगरा में विश्व खेल स्कूल प्रतियोगिता में गोल्ड
एशियन सब जूनियर प्रतियोगिता में गोल्ड
खेलों इंडिया नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड