हाल ही में लगभग सभी राज्यों का 12
वीं का रिजल्ट आ चुका है अब बच्चों व उनके माता-पिता के सामने चुनौती है कॉलेजों में एडमिशन लेने की। अभिभावकों की अभी से प्लानिंग शुरू हो चुकी है कि किस कौन से कॉलेज में एडमिशन लेना है व किस कोर्स में लेकिन कई बार देखने में आता है कि ज्यादातर बच्चे अच्छे कॉलेज की चाह में अपने मनपसंद कोर्स से भी समझौता कर लेते है लेकिन होना यह चाहिए कि कोर्स के लिए अपने कॉलेज से समझौता किया जाए। बच्चों व अभिभावकों को यह समझना होगा कि कॉलेज में उन्हें केवल तीन साल ही रहना है लेकिन जिस कोर्स का वे चुनाव करेंगे वह उनके भविष्य का निर्माण करेगा। या यह भी हो सकता है कि अपने मनपसंद कॉलेज में तो एडमिशन तो मिल जाए लेकिन कुछ समय बाद लगे कि गलती कर दी कोर्स के साथ समझौता नहीं करना चाहिए था तो स्थिति में आप क्या करेंगे। ना ही आप पूरे तीन साल कॉलेज लाइफ को इंजाय कर पाएंगे ओर ना ही आप अपने सही ढग़ से पढ़ाई कर पाएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए आपको अभी ये यह तय करना होगा कि आप किस कोर्स मैं अपना एडमिशन कराएंगे तथा उस कोर्स से आपको क्या उम्मीदे होंगी। बच्चों को समझना होगा कि कॉलेज केवल एक बिल्डिंग है। अगर आपके टीचर्स अच्छे हो आपके सहपाठी अच्छे हो तो आपको किसी भी कॉलेज में वह इंजाय प्राप्त होगा जो शायद दिल्ली के टॉप कालेज में भी आपको प्राप्त ना हो सकें। इसीलिए आपका सारा ध्यान केवल अपने कोर्स पर होना चाहिए। अगर आप जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो यह पता कीजिए कि आपके कोर्स के लिए किस कॉलेज में कौन -कौन से अध्यापक है तथा उनकी काबिलियत क्या है क्योंकि एक सही अध्यापक ही आपको आगे बढऩे के लिए प्रेरित करेंगा व आपने भविष्य निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तो इंतजार किस बात का आज ही से प्लानिंग करें कि आपको क्या कोर्स लेना है ओर किस कॉलेज में आपके कोर्स से संबंधित अध्यापक अच्छे हैं।
– दीपक मलिक
webové stránky společnosti>