जाट समाज के विकास के लिए किसने क्या लिया निर्णय पढिय़े
कुछ प्रमुख बिंदु मैं आपके ध्यानार्थ रख रहा हूँ –
1- शादी में वधू पक्ष की तरफ से अधिकतम – एक रूपया, श्रीफल तथा पाँच बर्तन ।
2 – शादी में वर पक्ष की तरफ से अधिकतम पाँच तोला सोना, बरात में सिर्फ परिवारजन व निकट रिश्तेदार ।
3 – समाज के लोगों में किसी भी प्रकार का नशा सेवन निषेध ।
4 – आटा-साटा (सौदेबाजी) की शादी नहीं करना । इससे कई परिवार संकटग्रस्त हो रहे हैं ।
5 – वैधानिक रूप से लायक होते ही बच्चों की शादी करने का प्रयास करना
6 – समाज परिवार की प्रतिष्ठा को ठुकरा कर गैर मर्यादित तरीके से अपनी शादी करने वाले बच्चों को परिवार से बेदखल कर देना ।
7 – सामूहिक विवाह मिशन को बढावा देकर, अधिकतम शादियांं इसी माध्यम से करवाना ।
8 – ऐसी संस्था का गठन करना जो, समाज के गरीब व होनहार बच्चों को उच्चतम गुणवत्ता की शिक्षा पूरी करने के लिए पूरा आर्थिक सहयोग दें ताकि उच्च पदों पर पहुँच कर ऐसे बच्चे समाज को प्रतिष्ठा दिलाएँ ।
9 – डी जे का उपयोग पूरी तरह से बंद
10 – किसी महिला/पुरुष के निधन हो जाने पर, मृत शरीर पर केवल एक कपड़ा ही औढाना ।
11 – सगाई, तिलक, मुद्दा आदि के नाम पर अधिकतम 100 रूपये का नेग ।
12- किसी के निधन के बाद ठिकाणों/रिश्तेदारों को बार-बार बुलाना या जाना बंद । इन मौकों पर कपड़े का लेना देना बंद करना आदि विषयों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर बताया कि इस प्रकार की बैठकों का आयोजन प्रत्येक ग्राम पंचायत स्पर पर किया जाएगा तथा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगा व अंतिम बैठक तहसील स्तर पर आयोजित की जाएगी। जिसके बाद सर्वसम्मिती से पास निर्णयों को सामाजिक संकल्प के रूप में लागू करने की घोषणा की जाएगी ताकि जाट समाज के विकास के लिए एक साथ मिलकर कार्य किया जा सकें।