पूर्वांचली वोट भुनाने की कोशिश या केजरीवाल चला मोदी के रास्ते जानिये
इस बार बनाए गए पहले से ज्यादा छठ घाट जानिये कितने ज्यादा बनाए गए
नई दिल्ली। इस बार छठ पूजा में 1100 घाट बनाये गए है। अगर हम पिछले साल से मुकाबला करें तो इस बार पिछले साल से ३०० ज्यादा छट घाटों का निर्माण किया गया हैं। इन छठ घाटों में 25 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह पूर्वांचली वोट को भुनाने की कोशिश है या फिर स्वच्छता अभियान की राह में एक पड़ाव । क्योंकि जल्द ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले है। महाराष्ट व हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो चुके है अगर हम इन दोनों चुनावों पर नजर डाले तो बीजेपी का ग्राफ कुछ गिरता नजर आ रहा है जिसके कारण बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों में लडऩे की आशा जगी हैं। यही कारण है कि सभी ने अपनी कमर कस ली है ओर बीजेपी को हराने के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर दिये हैं। चुकि दिल्ली में आम आदमी की सरकार है तो वह हर मुमकिन फैसला लेने की कोशिश कर रही है जिससे दिल्ली के वोटों को भुनाया जा सकें। शायद यही कारण है कि दिल्ली के बसों में महिलाओं का सफर फ्री कर दिया गया है अब देखना यह है कि इन सब निर्णयों से आम आदमी पार्टी की सरकार वोट बटोर पाती है या फिर नहीं। दिल्ली में एक बहुत बड़ी संख्या पूर्वांचली वोट की है। कई विधानसभाओं में इनका प्रभाव है जहां जीत में इनकी अहम भूमिका होती है। इसी कारण हर चुनाव में पूर्वांचली वोट बैंक को भूनाने का प्रयास हर पार्टी करती हैं। यहीं कारण है कि जहां पहले छठ वाले दिन सरकारी छूट्टी नहीं होती थी वहीं अब कई राज्यों में छठ पर्व की सरकारी छूट्टी को घोषणा की जाती हैं। हर साल छठ पूजा स्थलों में बढ़ोतरी, छठ पूजा स्थल निर्माण में सरकार की ओर से राशि बांटा जाना सब के सब पूर्वांचल वोट को भूनाने के प्रयास कहे जा सकते हैं। לקנות סיאליס