नई दिल्ली। अगले महीने होने वाले सूरजमल शिक्षण संस्थान (जनकपुरी, दिल्ली) के चुनाव के संबंध में एक मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग को दौरान संस्था के वर्तमान पदाधिकारी व सदस्य भारी संख्या में मौजूद रहें। इस दौरान आने वाले चुनाव की तैयारियों के संबंध में चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान धर्मवीर चौधरी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सूरजमल शिक्षण संस्थान समाज के शिक्षा विकास में एक अहम योगदान के रूप में देखा जात हैं। सूरजमल शिक्षण संस्थान का इतिहास महाराजा सूरजमल के इतिहास की तरह ही गौरवशाली है जहां से ना जाने कितने भाईयों ने अपना भविष्य का निर्माण किया हैं। लेकिन समय के साथ साथ जिस उद्देश्य को ध्यान में रखकर समाज के विकास के लिए कार्य किया जा रहा था वहीं कहीं धूमिल हो गया हैं। जिसका कारण कुछ लोग अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए इन संस्थाओं का प्रयोग करने का प्रयास करते हैं। आने वाले चुनाव में जाट समाज के महत्वपूर्ण लोग चुनाव लडऩे की इच्छा अपने मन में बैठाए हुए है लेकिन चुनाव लडऩे की इच्छा रखना एक बात है तथा समाज के विकास के लिए पूर्ण रूप से निस्वार्थ भाव से तैयार रहना दूसरी बात। जो भी व्यक्ति चुनाव लडऩा चाहता है वह एक बार अपने अंदर छांक कर देखे कि उसने समाज के विकास केलिए कितना प्रयत्न किया है । अगर समाज विकास के लिए किए गए प्रयत्नों पर वह खरा उतरे तो उसे चुनाव में जरूर भागीदारी करनी चाहिए। केवल अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए किसी भाई को चुनाव में योगदान नहीं लेना चाहिए। आपको बता दें कि सूरजमल शिक्षण संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में विशेष प्रयास कर रहा हैं। संस्थान अपने प्रयासों में बहुत हद तक सफल भी हुआ है लेकिन जरूरत है तो उसे ओर आगे लेकर जाने की। इस लिए आवश्यक है कि इसका रखरखाव व इसकी बागदौड उचित हाथों में हो। इसलिए आए हुए सभी लोगों ने एक उचित व समर्थ कैंडिडेट का चुनाव करने की अपील की।
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