नई दिल्लीा त्तर प्रदेश के हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की क्रूर हत्या को ४ माह पूर्ण नहीं हुए, तो आज पुन: लखनऊ में ‘मार्निंग वॉक’ के लिए जाते समय विश्व हिन्दू महासभा के प्रदेशाध्यक्ष रणजीत बच्चन की निर्घृण हत्या होना अत्यंत क्रोधजनक है । कमलेश तिवारी की हत्या के पश्चात हिन्दुत्वनिष्ठों की सुरक्षा का पर्याप्त ध्यान रखना आवश्यक है । जनवरी 2020 में बंगळुरू (कर्नाटक) में पुलिस द्वारा बंदी बनाए गए एक धर्मांध संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा हिन्दुत्ववादी नेताओं की हत्या के षड्यंत्र की जानकारी सामने आई थी । हिन्दू जनजागृति समिति की ऐसी मांग है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस हत्या के पीछे सूत्रधारों का तथा षड्यंत्र का शोध लगाकर उन्हें जड से मिटाएं और हिन्दुत्वनिष्ठों में सुरक्षा का वातावरण निर्माण करें । ‘मार्निंग वॉक’ से, तथा दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या से हिन्दू संगठनों को लक्ष्य करनेवाले, तथा पुरस्कार वापसी का नाटक कर छाती पीटनेवाले तथाकथिक विचारक और आधुनिकतावादी अब चुप क्यों है ? केरल, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक राज्य में अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों को चुनकर मारा जा रहा है । अब उत्तर प्रदेश में भी यह फैल रहा है क्या ? ऐसी शंका होती है । पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के अनेक कार्यकर्ताआें पर हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्या के आरोप है । नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में किए गए अनेक हिंसक आंदोलनों को इन्हीं धर्मांध संगठनों द्वारा पैसा दिया जाता है, यह सामने आया है । अनेक घातक कार्यवाहियों में इन संगठनों के कार्यकर्ता दिखाई दिए हैं । शाहीन बाग के आंदोलन में भी प्रक्षोभक भाषण किए गए हैं । उस पार्श्वभूमि पर इन सभी प्रकरणों की गहन पूछताछ होनी चाहिए, ऐसी हमारी मांग है ।