मलिक जाट गोत्र
मलिक गोत्र जाटों में एक प्रमुख गोत्र है इतिहास को जब हम पढ़ते हैं तो पाते हैं कि मलिक गोत्र एक उपाधि गोत्र है अर्थात उपाधि के रूप में किसी भी व्यक्ति विशेष को दी गई और आगे जाकर उसके वंशज अपने नामों में मलिक शब्द उपनाम के रूप में जोड़ लिए।
यहां यह भी उल्लेखित करना आवश्यक है कि बौद्ध काल में क्षत्रियों का एक संघ था जो गढठवाल नाम से प्रसिद्ध हुआ और गढवाल क्षत्रिय संघ को बाद में जाकर मलिक की उपाधि दे दी गई और जो बाद में यह मलिक जाट गोत्र के नाम से प्रसिद्ध होगा
अतः यह कहा जा सकता है कि गढवाल गोत्र की जो शाखा थी उनमें से कुछ शाखाओं को मलिक की उपाधि दी गई और यही मलिक जाट गोत्र कहलाया
भारत में जब तुर्कों का आगमन हुआ और यह राजा पद पर आसीन हुए तो तुर्क अपने राजा को मलिक शब्द से संबोधित करते थे परंतु कुछ समय पश्चात लगभग सन 1296 ईसवी के करीबन मल्लिक शब्द का प्रयोग सेना अध्यक्षों के लिए किया जाने लगा।
इस काल में 10 सैनिकों पर एक सरखैल थे 10 सरखैल पर एक हेलो पर एक सिपहसिलार होता था 10 सिपहसिलार पर एक अमीर तथा 10 अमीरों पर एक मलिक होता था इसी तरह 10 मालिकों पर एक खान और खान के ऊपर सुल्तान होता था।
इस प्रकार हम देखते हैं कि मलिक शब्द उस समय एक उपाधि के रूप में या पदवी के रूप में किसी मुख्य व्यक्ति अथवा प्रतिष्ठित व्यक्ति जो समाज में हुआ करता था उनके लिए यह इस शब्द का उपयोग किया जाता था और उपाधि के रूप में उनके नाम के साथ मलिक शब्द को जोड़ दिया जाता था।
बाद में मुगल काल में अकबर के समय जब भारत पर मुगलों का शासन था तो उस समय मन सब दारी प्रथा लागू हुई और इस काल में मलिक शब्द सैनिक के लिए उपयोग नहीं किया जाने लगा बल्कि मालिक शब्द समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति के लिए उपयोग किया जाने लगा।
अतः हम कह सकते हैं कि मलिक शब्द एक उपाधि स्वरूप है जो प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मुगल काल में दी जाती थी ।
मलिक शब्द की उपाधि भारत में विभिन्न काल में विभिन्न रूप से दी गई उपाधि शब्द या संबोधन है जिसका वर्गीकरण हम समय के अनुसार इस प्रकार कर सकते हैं———-
1193 से 1296 इसवी—मलिक शब्द राजा के लिए प्रयोग किया जाता था
1296 से 15 से 8 ईसवी—- मलिक शब्द सैनिक के लिए प्रयोग किया जाता था
1568 से 1857 ईसवी तक मलिक शब्द समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के लिए प्रयोग किया जाता था
अतः मलिक शब्द का प्रयोग समाज में प्रतिष्ठित व्यक्तियों के लिए किया जाने लगा।
सन 119२ ईस्वी में मोहम्मद गौरी ने हांसी के राजा रायसाल को उनके पराक्रम तथा वीरता से प्रसन्न होकर मलिक की उपाधि दी तथा साथ में लवण मेखला की जागीर भी उपहार स्वरूप दिया यह किसी हिंदू राजा को दी गई प्रथम मलिक उपाधि थी।
राजा रायसाल ने हांसी के पास देपालपुर की जागीर अपने बड़े पुत्र जीवनसाल को सौंप दी तथा स्वयं लवण मेखला चले गए।
इस तरह राजा जयसाल मलिक लवण मेखला जिससे सालटरेंज भी कहा जाता था कि जागीर पर सन 1192 से 1205 इसवी तक राज किया परंतु 1205 ईस्वी में राजा रायसाल मलिक ने मोहम्मद गौरी के खिलाफ आजादी का ऐलान कर दिया फलस्वरूप लवण मेखला पर मोहम्मद गौरी ने आक्रमण कर दिया इस युद्ध में राजा रायसाल मलिक सहित 5000 सैनिक मारे गए।
पुणे युद्ध के पश्चात जब मलिक राजा की हार हो गई तो राजा राय साल के पुत्र छत्रसाल मलिक तथा मोहम्मद गौरी के बीच समझौता हुआ जिसके तहत इस राजगद्दी पर राजा राय साल के पुत्र छत्रसाल आसीन हुए और राजा छत्रसाल ने सन 1205 से 1221 ईस्वी तक इस लवण मेखला की जागीर पर राज किया
जलालुद्दीन मंगबरनी जो खुरासान के अलाउद्दीन मोहम्मद बादशाह का पुत्र था इसने यहां लवण मेखला के राजा चतरसाल मलिक से सन 1221 ईसवी में युद्ध किया जिसमें चतरसाल मारा गया फिर जलालुद्दीन मंगबरनी मुल्तान और उसकी ओर भाग निकला इसके पश्चात चंगेज खां मंगोल ने लवनमेखला की राजधानी मलिकपुर को जी भर कर लूटा फिर मंगोल वापस लौट गया पुनः लवन मेखला की राजगद्दी पर छत्रसाल का बेटा यशपाल मलिक बैठा और सन 1221 वी से 1247 ईस्वी तक राज किया परंतु चंगेज खान ने पुनः हिंदुस्तान पर आक्रमण किया और परिणाम स्वरुप जसपाल मलिक ने मंगोल सेनाध्यक्ष से संधि कर ली।
सन 1247 ईस्वी में बलबन ने लवण मेखला के राज जसपाल मलिक पर आक्रमण कर दिया जिसमें जसपाल मलिक हार गया तथा लवण मेघना का राज्य सदा के लिए दिल्ली सल्तनत में मिला लिया गया बलबन जसपाल मलिक को गुजारे के लिए पालम के पास लगभग 200 बीघे की जागीर दी यहां जसपाल मलिक ने अपने जीवन काल में मलिकपुरकहोही नाम का नगर बसाया।
जसपाल के बाद इस मलिकपुर कहोही नगर पर इनका पुत्र राजकुंवर का अधिकार रहा फिर राजकुवंर के 3 पुत्र हुए जो क्रमशः देव पाल, लखन पाल, तथा सबसे छोटा सोमपाल था यह देव पाल के वंशज आगे जाकर कंवर वंशी मल्लिक, लोकपाल के वंशज जरड़िया मलिक तथा सोमपाल के वंशज सोमवाल मल्लिक कहलाए।
बाद में जसपाल मलिक के वंशज बसंत मलिक ने इस जागीर को सन 1803 ईस्वी में बेच दिया ।
भारत में इस जाट वंश के विस्तार की बात करें तो कुछ इस प्रकार है—–
उत्तर प्रदेश
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जलालपुर, गोयला, गोहलपुर, फुगना डोगर मुजफ्फरनगर, बारला जाट,बघाय कलान, आदमपुर,कादी खेड़ा, कवल,कबरौत झैल, जगहरी, हसनपुर हीसावरा, करोदा हाथी, कब रौत काजी खेड़ा, खेड़ा गदाई ,सोझानी उमरपुरसुना, सल्फा, सरनावली, सोनझन जाट मोहम्मदपुर,खेरा मस्तानी इत्यादि कई गांव है।
२.मेरठ जिला
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अटलपुर,बहादुरपुर मेरठ,भदौरा, चंदना, चिरौरी, दौराला, रहावती,रामपुर मोती, पासवारा,दबका, नगला तासी, मुजफ्फरनगर सैनी,, पीपला ,भगवानपुर बांगड़ा ।
३. शामली जिला
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बारला, फुउगना, खरड़, सरनावाली, सहीजनी, उमरपुर,उस्मानपुर, यारपुर
४. बागपत जिला
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पुरा महादेव, ही संवारा, चंदन हेरी
५. बुलंदशहर जिला
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भट्टा परसौल, लौगा,सालाबाद, धमैरा पापडरी
६. बिजनौर जिला
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नेहटार,गाजीपुर बिजनौर,सुंदरपुर,रावणपुर,ढोकलपुर भीरपुर, रन हेतु
७. सहारनपुर
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फेरू माजरा, फतेहपुर कलानी
८. पीलीभीत जिला
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एमी
९. बरेली जिला
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दौलतपुर बरेली,सालथा, टांडा बरेली, तिलमंची
१०. रामपुर जिला
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खाड़ी खेरी
११. गाजियाबाद जिला
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जलालाबाद गाजियाबाद
१२. गौतम बौद्ध जिला
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पारसौल
मध्य प्रदेश
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१. रतलाम जिला—रतलाम गांव
२. रायसेन जिला—-किवलाझी, सुल्तानपुर रायसेन
३. ग्वालियर जिला
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ग्वालियर,लश्कर, मोरार
४. शिवपुरी जिला
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शिवपुरी
५. भोपाल जिला
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कोलार ,भोपाल,करोंद
६. देवास जिला
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सरगोना
पंजाब
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१. फिरोजपुर जिला—-सूरेवाला
२. लुधियाना——मलक पंजाब के लुधियाना जिले की जगराओं तहसील की एक गांव है
उत्तराखंड
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हरिद्वार के ठिथीकी कवादपूर बरमपुर
राजस्थान
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१. जयपुर—–आदर्श नगर,गणेश कॉलोनी, जवाहर नगर, महावीर नगर, मानसरोवर कॉलोनी, सांगानेर, वैशाली नगर, वसुंधरा कॉलोनी,
२. अलवर—-अलवर गांव
३. हनुमानगढ़—–भरवाना, संगरिया सरदार गढ़िया
४. चूरू जिला—–बांगरवा चूरू
हरियाणा
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१. हिसार जिला—-खरकरी, उमरा हंसी, सुल्तानपुर
२. पानीपत—-बुनालाखू, जटोल पानीपत , कुटनई,महाराणा, नंगल खीरी, निंबरी, पथरी,राजा खीरी, रिसालू ,सेंक, उग्रखेरी
३. भिवानी—खनक गांव
४. जींद—–बार्टा, बुध खेड़ा, जयपुर,जे जयंती, नीदाना, निदानी निर्जन, समलो गतौली, पींदरा,हसनपुर, सुधीर कलान
५. कैथल—बालबेहरा, जखोली, खुराना
६. करनाल—-गडढ़ी,साधन, झंझरी, उमरपुर
७. सोनीपत जिला——आहुलाना, अनवाली, भैंसवाल कलान, भटना जफ्राबाद, विधाल, भगन, बिलबिलन, छिछरना सोनीपत, बाबरपुर, डोडवाह, इसार खेड़ी, गमरी,जसराना,खानपुर, कलान संधा ,उटानी,मदीना सोनीपत, महमूदपुर, महरा सोनीपत, मिर्जापुर खेरी, नीयत , पिपली खेरा , पीपली, बोग्थाला,रभरा, रावादा, रुखी, सलारपुर माजरा ,सरक्थला, सरधना, सेरसा, टौरी तेरी ,तिहरा कलान तीहराखुर्द, तुरली
८. हिसार—राखी खास रामायण गढ अंधेरी एप्पल उमरा सुल्तानपुर कलवारी भोजपुर सतवास प्रभु वाला शत्रु खास
१०. इज्जर जिला—दबोदा खुर्द, मेहराना
११. महेंद्रगढ़ जिला—–डालन वास
१२. रोहतक जिला —–अटेल ,गांधार घूसकानी, करोर, खरवार, मोखरा
१३. कुरुक्षेत्र जिला—-मेहरा सरसा
१४. यमुनानगर जिला—-अजीजपुर, छप्पर मंसूरपुर, मलकपुरा बांगड़
१५. फरीदाबाद जिला ——जवान गांव
मलिक जाट गोत्र के अनेक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व ऐतिहासिक काल में तो थे ही साथ ही आज के आधुनिक काल में भी है जिनका उल्लेख हम कुछ इस प्रकार कर सकते हैं
1. सतपाल मलिक—-श्री राम नारायण मल्लिक गांव मिर्जापुर तहसील गुना जिला सोनीपत
2. डॉक्टर पुखराज सिंह मलिक —–किशोर न्यायालय के मजिस्ट्रेट है, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य भी हैं बिजनौर उत्तर प्रदेश के रहने वाले
3. केपी मलिक (भास्कर)—
4. एलएस मल्लिक
५. संजय मलिक—–यह फिल्म मेकर है जो जयपुर में रहते हैं खुर्द गांव मुजफ्फरनगर ,शिक्षा —-यह मास्टर डिग्री लिए हैं इकोनॉमिक्स में
६. एस मालिक
७. श्री सुरेश भान मलिक—-यह भैंस वालों कलान के रहने वाले हैं
८. श्री जगबीर सिंह मलिक—-यह एमएलए और फिर एमपी रहे
९. संजय मलिक—- यह इंडियन आर्मी में कर्नल पद पर रहे
१०. डॉ विजय मलिक यह भैंस वाला कलाम के रहने वाले हैं तथा ऐसे में हेल्थ सर्विस में कार्यरत है
मेजर जयपाल सिंह मलिक—-यह आजाद हिंद फौज के एक बहुत बड़े योद्धा कमांडर रहे, जयपाल सिंह मलिक आजाद हिंद फौज में लेफ्टिनेंट थे उन्होंने गुप्त रूप से अंबाला में एक संगठन बनाया और 2 महीने के भीतर उन्होंने 300 भारतीय कमांडिंग ऑफिसर उनको अपने संगठन का अंग बनाया जिसकी वजह से उन्होंने 10000 सैनिकों की फौज अंग्रेजों के विरुद्ध खरी करने में एक सफल भूमिका अदा की थी अंबाला में इंडियन एयर फोर्स के प्रशिक्षण लेने वाले भारतीय पायलट इन स्थानों के बंधुओं को रात के समय सैनिक छावनी के निकट गिरा दिया करते थे इस प्रकार जयपाल सिंह मलिक एक भयानक खेल बहादुर तथा चतुराई के साथ देश की सेवा की
११. मीनाक्षी मलिक—यह भैंस वाला कलान की रहने वाली है तथा भारतीय सैनिक विभाग में कार्यरत है
१२. मनीषा मलिक—-हरियाणा पुलिस में यह डीएसपी पद पर आसीन है जो भैंस वाला कलान की रहने वाली है
१३. मेजर मोनिका मलिक—-यह भाग्य सैनिक विभाग में मेजर पर पद है जो भैंस वाला कलवान की रहने वाली है
१४. श्री आशीष मलिक—-यह मार्केटिंग मैनेजर है जो भैंस वाला कलाम के रहने वाले हैं
१५. सोनू मलिक— यह रोहतक हरियाणा के रहने वाले हैं
16. नितिन मलिक— यह एडिटर और स्पोर्ट्समैन है
१७. आरुषि अजय मलिक— यह जयपुर राजस्थान में आई एस के पद पर आसीन है
१८. अमित मलिक यह केरला में आई एफ एस पद पर है
१९. प्रीति मलिक यह 265 लॉकर 2017 में आईएएस पद पर आसीन है
२०. डॉ कुमार पी सिंह—-यह लखनऊ में इंडस्ट्रियल डॉक्सोलॉजी रिसर्च सेंटर में कार्यरत है यह साइंटिस्ट हेड है इन्वायरमेंट केमिस्ट्री डिवीजन के
२१. मेघना मलिक—-फिल्म जगत में, यह नायिका है
२२. एमआर मलिक—यह गुड़गांव में आईपीएस पद पर हैं
२३. रघुविंदर मलिक— यह एक्टर और आर्टिस्ट है
२४. राहुल मलिक —-यह 2009 बैच के आईपीएस है
२५. विक्रम सिंह मलिक— यह 2012 बैच के आईएएस है
२६. युद्धवीर सिंह मलिक –+यह चंडीगढ़ में आईएएस पद पर है
ऐसे कई महत्वपूर्ण व्यक्ति है जो मलिक जाट गोत्र से तालुकात रखते हैं और हमारे देश भर में यह महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होकर पूरे भारतवर्ष का नाम रोशन कर रहे हैं इसके लिए संपूर्ण मलिक जाट गोत्र उनका आभारी है