नई दिल्ली। राजेन्द्र कुमार सहारण का जन्म 25 अक्टूबर 1985 में, गांव उमरी, जिला कुरुक्षेत्र में हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा (चौथी कक्षा तक) इनके गांव उमरी में ही हुई। पांचवीं कक्षा में ये गुरूकुल कुरुक्षेत्र में पढने के लिए चले गये। गुरुकुल में ही पांचवीं कक्षा के दौरान ही इन्होंने अपनी कुश्ती की शुरूआत की और primary school state game में स्वर्ण पदक जीतकर इस खेल में अपनी कामयाबी की नींव रखी। सन 1997 में राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतक ( sulver medal in school national ) अपने जिले व विद्यालय का नाम रोशन किया। सन 1999 में अपनी माध्यामिक शिक्षा पूरी करने के बाद वापस अपने गांव में अपनी शिक्षा दीक्षा जारी रखी और गांव में ही अपने कोच श्री शमशेर सिंह ढुल के प्रशिक्षण में अपना कुश्ती अभ्यास निरंतर व नियमित जारी रखा। इसी अथक अभ्यास व लगन के परिणाम स्वरूप ही सन 2004 में इन्होंने junior national championship में स्वर्ण पदक अपने नाम किया और अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले के लिए चयनित हुए व सन 2005 में
junior asian championship खेलने के लिए कोरिया गये। सन 2006 में सीनियर नेशनल में पदक जीतकर राष्ट्रीय कैंप के लिए इनका चयन हुआ व आर्मी में कोमांडर के पद पर नियुक्त हुए स्पोर्ट कोटे से जिसके बाद सन 2007 में आर्मी छोडकर ये खेलने में स्पोर्ट कोटा से टीसी के पद पर नियुक्त हुए। सन 2009 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपने देश व प्रदेश का नाम रोशन किया । सन 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमन वेल्थ गेम्स में भी इन्होंने स्वर्ण पदक देश की झोली में डाला और अपने प्रदेश व परिवार को गौरवान्वित किया। सन 2011 में इनका विवाह डॉ. स्वाति चौधरी (प्राध्यापिका मनोविज्ञान) के साथ सम्पन्न हुआ। विवाह उपरांत भी कुश्ती अभ्यास जारी रहा । सन 2012 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हुए तथा इनकी उपलब्धियों के आधार पर हरियाणा सरकार ने इन्हें हरियाणा पुलिस में निरीक्षक के पद पर नियुक्त करने के पद पर नियुक्त करने का फैसला किया और इन्होंने यह पद स्वीकार करते हुए सन 2013 में रेलवे की नौकरी छोड हरियाणा पुलिस में अपनी सेवा ग्रहण की। सन 2013 में इनकी उपलब्धियां देखते हुए हरियाणा सरकार ने इन्हें भीम पुरस्कार से सम्मानित किया। सन 2015 में वल्र्ड पुलिस गेम जो अमेरिका में हुए थे, उनमें इन्होंने दो स्वर्ण पदक जीतकर अपने देश प्रदेश व विभाग का नाम रोशन किया। अब तक राष्ट्रीय स्तर पर इन्होंने 20 पदक व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 16 पदक हासिल कर इस खेल में अपनी पहचान बनायी है व लगभग 30 बार इन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया है। वर्तमान में ये पुलिस अकादमी मधुबन में अपने परिवार सहित रहते हैं और वहीं अपना अभ्यास करते हैं। इनके दो बेटे, समर्थ (सात वर्ष) और अरनव (पांच वर्ष) हैं। एक सवाल के जवाब में राजेन्द्र कुमार सहारण ने बताया कि पहले व्यक्ति को अपना लक्ष्य तय करना चाहिए फिर उसका पीछा करना चाहिए जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए व्यक्ति को आराम से नहीं बैठना चाहिए। इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया कि अपने को हमेशा बेहतर इंसान बनाने के लिए भी प्रयासरत रहना चाहिए। आज जीवन में सब कुछ हासिल करने के बाद भी अगर कोई बेहतर इंसान नहीं है तो उसकी कोई अहमियत नहीं है लेकिन जीवन में ऊंचाईयों को छुने में भी व्यक्ति कामयाब नहीं हो सका लेकिन वह एक बेहतर इंसान है तो उसे दुनिया हमेशा याद रखती है उसका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है।
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