जाटों ने लिया बीजेपी से अपना बदला
हरियाणा चुनाव में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) किंग मेकर की भूमिका में नजर आ रही हैं। हरियाणा में बीजेपी के विरूद्ध जाट समाज में जो विरोध की लहर चल रही थी उसका खामियाजा बीजेपी की हार के रूप में देखा जा सकता हैं। जाट लैंड को भेदने का सपना देखते हुए बीजेपी ने 75 पार का नारा लगाया था लेकिन अगर हम चुनाव नतीजों पर नजर डाले तो बीजेपी 75 तो दूर की बात बल्कि बीजेपी हरियाणा में सरकार बनाने के लिए भी उसे दूसरों का मुंह देखना होगा। जाट लैंड पर अगर हम नजर डालें तो हरियाणा में रोहतक, सोनीपत, पानीपत, जींद, कैथल, सिरसा, झज्जर, फतेहाबाद, हिसार और भिवानी जिले की करीब 30 विधानसभा सीटों पर जाटों का काफी प्रभाव हैं। यह राजनीतिक दिशा तय करने के लिए हर पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। इसी कारण इस इलाके को जाट लैंड के रूप में देखा जाता हैं। इन क्षेत्रों में आने वाली सीटों पर जाट समुदाय ही हार जीत के लिए फैसला करते हैं। जाटलैंड के इस क्षेत्र में बड़े बड़े दिग्गजों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं।
हरियाणा के जाटलैंड में भारतीय जनता पार्टी न केवल 20 जाट उम्मीदवारों को उतारा था, दूसरी ओर कांग्रेस ने हरियाणा की सत्ता में वापसी के लिए जाटों पर भरोसा जताया था जो काफी कुछ सही था। अगर हम चुनावी नतीजों पर नजर डाले तो पाएंगे कि जाटलैंड और ग्रामीण क्षेत्रों में ही कांग्रेस को लगभग 26 सीटों का फायदा हुआ है ओर इन्हीं क्षेत्रों से जजपा को भी ज्यादातर सीटें मिली है। यहीं कारण है कि जाट लैंड ने 10 महीने पहले बनी पार्टी जननायक जनता पार्टी को किंग मेकर की भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया हैं। 2016 में हुआ जाट आंदोलन में नामजद जाटों को जिस प्रकार से सजा हो रही है तथा जिस प्रकार से बीजेपी जाट विरोधी नीतियों का निर्माण कर रही है उससे जाट समुदाय बीजेपी से काफी नाराज लग रहा था इसी कारण बीजेपी का जाट वोट बैंक खिसक कर जेजेपी ओर कांग्रेस के पाले में आ गया। जिसका नतीजा बीजेपी की कम होती सीटों के रूप में हमारे सामने हैं।
अगर हम इन चुनाव के वोट प्रतिशत की तुलना हरियाणा में हुए 2019 के लोकसभा चुनाव से करें तो हम देखते हैं कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 58 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे जबकि इस बार बीजेपी को केवल 36 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए है। अगर हम इनकी तुलना करें तो बीजेपी का वोट प्रतिशत हरियाणा लोकसभा 2019 के चुनाव की अपेक्षा 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में 22 प्रतिशत कम हो गया हैं।
जाटों की बदले की भावना के ही कारण कई जगह बीजेपी के जाट सेलिब्रिटी चेहरों को भी हार का मुंह देखना पड़ा। योगेश्वर दत्त, सोनाली फोगाट जैसे सुपरस्टार चेहरे को भी जाटों ने नकारते हुए दूसरे पक्ष में वोट किया। चेहरे व पार्टी की स्थापना को नकारते हुए जाटों ने इस बार समाज को महत्व देते हुए उसे ध्यान में रखकर ही वोट किया जिसका नतीजा बीजेपी की घटी सीटें व कुछ महीने पहले अस्तित्व में आई जेजेपी जैसी पार्टी को किंग मेकर की भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया।