नई दिल्ली : 1857 के महान स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद राजा नाहर सिंह के 162वें बलिदान दिवस पर बल्लभगढ़ (फ़रीदाबाद) से शहीदी स्थल चांदनी चौक (दिल्ली) तक पहली बार झांकी यात्रा निकाली गयी। यात्रा का बल्लमगढ़ शहीदी स्थल से आरंभ होकर बदरपुर बॉर्डर, आश्रम मोड, सराय काले खां राजघाट, आउटर रिंग रोड से जमुना बाजार होते हुए शहीदी स्थ
ल चांदनी चौक पहुंची।
राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव जयंत चौधरी, जाट महा सभा व समाज के अन्य गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा शहीद स्थल चांदनी चौक पर सुबह हवन किया गया। गौरतलब है कि 1857 के गदर के नायकों में से एक शहीद राजा नाहर सिंह ने दिल्ली को 134 दिन तक अंग्रेजों से मुक्त रखा था। अंग्रेजों ने उन्हें धोखे से बुलाकर चांदनी चौक में फांसी पर चढ़ाने से पहले सिर झुका देने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने सिर झुकाने की बजाय फांसी का फंदा चुना। आयोजकों का कहना है कि दिल्ली में उनके नाम से कोई संग्रहालय, स्मारक और प्रतिमा नही है। और प्रशासन से मांग है कि राजा नाहर सिंह नाम पर कोई संग्रहालय या प्रतिमा होनी चाहिए। वहीं दूसरी और अमर शहीद राजा नाहर सिंह जी के महल बल्लमगढ़ (फ़रीदाबाद) में चल रहे होटल को बंद करने का सरकार से निवेदन किया गया और साथ ही बल्लमगढ़ में भी राजा नाहर सिंह जी के संघर्षमय जीवन से संबंधित स्मारक बनवाने और प्रतिमा लगाने की मांग की गयी। जिससे वर्तमान युवा और आने वाली पीढ़ी अमर शहीद राजा नाहर सिंह जी के त्याग तपस्या और बलिदान को जान सकें और प्रेरणा लेकर देश, समाज के लिए कार्य कर सकें।
इस यात्रा और कार्यक्रम के संयोजक हरपाल सिंह राणा, ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन एवं अन्य महापुरुषों के विषय में भी समय-समय पर हर साल कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस कार्यक्रम में अन्य कई संगठनों ने हिस्सा लिया, जिनमे राजा नाहर सिंह फाउंडेशन किसान शक्ति संघ, जिला पार्षद व अवतार सारंग अखिल भारतीय जाट महासभा फरीदाबाद, जाट जागृति पंचायत, प्रगतिशील किसान मंच, राष्ट्रीय जाट एकता मंच साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा ,राजस्थान ,पंजाब, मध्य प्रदेश आदि अनेकों राज्यों से आए व्यक्तियों के द्वारा बलिदान दिवस मनाया गया।
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