राष्ट्रध्वज (तिरंगे) का सम्मान करें !
- राष्ट्रध्वज (तिरंगे) को अपमानित न होने दें !
ध्वज संहिता में बताए अनुसार एवं ऊंचे स्थान पर राष्ट्रध्वज फहराएं ।
छोटे बच्चों को राष्ट्रध्वज का उपयोग खिलौने समान न करने दें ।
चेहरा तथा कपडे राष्ट्रध्वज समान न रंगवाएं !
प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज का उपयोग पताका के रूप में न करें ।
राष्ट्रध्वज पैरों तले रौंदा न जाए तथा फटे नहीं, इस पर ध्यान दें ।
राष्ट्र गीत-गायन अनुचित स्थान एवं अनुचित समय पर न हो, इस पर ध्यान दें!
राष्ट्र गीत के अंत तक ‘सावधान’ स्थिति में खडे रहें तथा उस समय आपस में बात न करें !
हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था ने मिलकर ‘राष्ट्रध्वज का सम्मान’ नामक राष्ट्रीय स्तर पर एक अभियान आरंभ किया है । इस अभियान के अंतर्गत समिति विभिन्न पाठशालाओं में जाकर बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास कर रही है । सार्वजनिक स्थानों और सूचना फलक पर निवेदन का प्रदर्शन करना और जालस्थल (वेबसाइट) के माध्यम से अधिकतम लोगों तक पहुंचने का प्रयास समिति कर रही है ।
समिति उपरोक्त उपायों को लागू करने के लिए, समाचार पत्र के माध्यम द्वारा लोगों से निवेदन कर रही है ।
समिति द्वारा भारत के कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री से भेंट कर, उनके सम्मुख यह मांग रखी है कि राष्ट्रध्वज के अनादर के संदर्भ में कडी कार्यवाही की जाए ।
प्लास्टिक के झंडों पर प्रतिबंध, प्रमुख मांगों में एक है ।
समिति ने स्वतंत्रता दिवस पर, कई शहरों में अलग-अलग स्थानों पर झंडा संग्रह करने के लिए बक्सों का प्रबंध किया है ।
भारत की ‘ध्वज संहिता’के अनुसार, एकत्रित झंडों को सम्मान पूर्वक जलाया अथवा दफनाया जाएगा ।
क्षति ग्रस्त ध्वज की व्यवस्था के लिए सूचना (दिशानिर्देश)!
ध्वज के क्षति ग्रस्त अथवा मैले हो जाने पर उसे सम्मान पूर्वक जलाया जाएगा अथवा किसी अन्य विधि द्वारा नष्ट किया जाएगा, जो ध्वज की गरिमा पर आंच न आने दे । – ‘भारतकी ध्वज संहिता’
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा मुम्बई के उच्च न्यायालय में जांहित याचिका की गई, जिसके फलस्वरूप प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज महाराष्ट्र में बैन हो गए। साथ ही अन्य अनेक राज्यों में भी इस विषय में बैन करने की प्रक्रिया इसके पश्चात हुई।
राष्ट्रध्वज का अनादर रोको
भारतीय नागरिक होने के नाते मैं कैसे योगदान कर सकता हूं ?
आप इस अभियान में सहभागी होकर, आप से जितना बन सकता है उतना कर सकते हैं :
१. सक्रिय बनें : ऊपर उल्लेखित अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए अपने मित्रों और सगे-संबंधियों को यह जानकारी दे सकते हैं ।
२. क्षति ग्रस्त झंडों को एकत्रित कीजिए और सम्मान पूर्वक जलाने अथवा दफना ने की व्यवस्था कीजिए ।
३. इस जानकारी को आप पाठशालाओं में ‘यह करें’ और ‘यह न करें’ के रूप में सूचना फलक में प्रसारित कर सकते हैं ।
४. आपके साथ संपर्क में आने वाले अधिकाधिक लोगों को, आप इस विषय में प्रबोधन करने का प्रयास कर, अपनी मातृभूमि के प्रति अपना कर्तव्य पूरा कर सकते हैं ।
५. एक समूह बनाकर, लोगों का प्रबोधन कीजिए और राष्ट्र ध्वज का अनादर होने से रोकिए ।
– सुरेश मुंजाल
हिन्दू जनजागृति समिति
9811414247