शिवाजी महाराज से संबंधित अयोग्य लेखन हटाने के लिए गोवा के मुख्यमंत्री से की मांग
वर्तमान पुस्तक में अयोग्य लेखन विद्यार्थियों को न सिखाया जाए, इसलिए वह लेखन तत्काल रद्द करें और संबंधितों पर कार्यवाही करें ! – गोवा के मुख्यमंत्री से मांग
छत्रपति शिवाजी महाराज के संदर्भ में अत्यंत अयोग्य और उनका अपमान करनेवाला लेखन गोवा की 11 वीं की इतिहास की पुस्तक में है, ऐसा ध्यान में आने पर हिन्दू जनजागृति समिति सहित विविध शिवप्रेमी संगठनों ने शिक्षा संचालकों से मिलकर यह पुस्तक तत्काल रद्द करने की मांग कल ही की थी । इस संदर्भ में तत्काल ही स्वयं ध्यान देते हुए ‘यह लेखन इस वर्ष के अभ्यासक्रम से हटाएंगे’ ऐसा मा. मुख्यमंत्री प्रमोदजी सावंत ने कहा । मुख्यमंत्री ने तत्परता से ध्यान दिया, इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति मुख्यमंत्री का आभार मानती है; परंतु वर्तमान स्थिति में इस पुस्तक के कारण विद्यार्थियों को अयोग्य शिक्षा मिलने से छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करनेवाला वह विवरण तत्काल पुस्तक से हटाया जाए और अगले वर्ष के अभ्यासक्रम से उसे पूर्णत: हटाया जाए, तथा जिसने यह अयोग्य लेखन किया है, उनपर भी तत्परता से कार्यवाही की जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के गोवा समन्वयक डॉ. मनोज सोलंकी ने की है । गोवा सरकार की कक्षा 11 वीं की इतिहास की पाठ्यपुस्तक को जोडी गई परिशिष्ट में गोवा के बार्देश तालुका में छत्रपति शिवाजी महाराज ने आक्रमण कर लगातार तीन दिन गांवों को लूटा, आगजनी की, छोटे बच्चे और महिलाओं को बंदी बनाया और कुछ को मार भी दिया, ऐसा असत्य और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा मलीन करनेवाला लेखन करने से देशभर में क्रोध की लहर ऊठी है । छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के दिन ही ऐसा होना दुर्भाग्यपूर्ण है । इससे पूर्व भी अयोग्य इतिहास सिखाना अथवा हिन्दू राजाआें की जानकारी त्रोटक और मुगल आक्रांताआें की जानकारी के अनेक पृष्ठ छापने के प्रकार हुए हैं । ऐसे प्रकरणों में कठोर कार्यवाही नहीं की गई, तो ऐसा अयोग्य लेखन करनेवालों पर धाक नहीं रहेगा और आगे भी ऐसा ही होता रहेगा । इसलिए मा. मुख्यमंत्रीजी इस संदर्भ में भी आदेश दें । मुख्यमंत्री शिवप्रेमियों की मांगें निश्चित ही मान्य करेंगे, ऐसी अपेक्षा भी डॉ. सोलंकी ने व्यक्त की ।