आंजना गोत्र का इतिहास
जाट जागरण। ऑजणा एक भारतीय प्राचीन खेतिहर जाति है और एक जाट समाज का गोत्र भी है। अभी के समय में अगर हम देखें तो पता चलता है कि आंजना, कलबी, पटेल, ऑजणा जाट/ऑजणा चौधरी, चौधरी तथा पाटदार सहित कई उपजातियों का यह एक समूह है। ऑजणा जाटों के नाम के बाद आपको चौधरी, पटेल, कणबी, देसाई, ऑजणा जाट, ऑजणा चौधरी आदि लिखा मिलता है जबकि इस गोत्र के कुलनाम के रूप में पटेल, चौधरी, देसाई, जाट, मौर्य, हुण, गुर्जर, काग, जुवा, सोलंकी, भाटिया, लोह, हाडीया आदि के रूप में जाने जाते है।
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अगर हम ऑजणा जाटों के इतिहास में झांक कर देखें तो पता चलता है कि सहस्त्रार्जुन के पुत्र जमदग्नि ऋषि के आश्रम में गए, ऋषि को टुकड़ों में काटकर उनकी हत्या कर दी। तभी परशुराम यात्रा कर के वापस आश्रम में आये तो माता रेणुका रोने लगी और सारी बाते बताई जिसके बाद परशुराम का रोम-रोम क्रोधित हो गया और उन्होंने हाथ में फर्शी (कुल्हाड़ी) लिया और क्षत्रियों को हरा दिया और ब्राह्मणों को दान में उनके राज्य दे दिए। इस तरह, राम से लेकर कृष्ण तक 21 बार पृथ्वी को क्षत्रियविहीन किया गया।
जब मां अर्बुदा (कात्यायनी) की शरण में सहस्रार्जुन के छह पुत्र गए तो परशुराम उनकी तलाश में आबू आए, तो मां अर्बुदा ने कहा, इन्होंने मेरे समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है, इसलिए उन्हें जीवन दान दें। अब से ये लोग क्षत्रियत्व का त्याग कर देंगे और कृषि काम करेंगे। मां अर्बुदा ने उनको बचाया तो उन्होंने मैया के पैर पकड़ लिए और आशीर्वाद मांगा। और कहा की, अब से, आप हमारी कुल देवी हैं, तो हमें मार्गदर्शन दें जीवित रहने वाले छह (6) बेटों में से, दो बेटे आबू पर रहे और खेती शुरू की। और चार बेटे उत्तर प्रदेश चले गए और खेती शुरू कर दी। जैसे-जैसे उनकी आबादी बढ़ती गई, वे उत्तर प्रदेश और हरियाणा में फैल गए।
माँ अर्बुदा को कात्यायनी के नाम से भी जाना जाता है। कात्यायनी नवदुर्गा का छठा अवतार है। आँजणा की पारिवारिक देवी माउंट आबू में विराजमान है। उनके मंदिर को अध्धरदेवी के नाम से भी जाना जाता है। अर्बुदाँचल आबू को ऋग्वेद में अर्बुदा पर्वत के रूप में वर्णित किया गया है। माउंट आबुगिरी एक पवित्र भूमि है। और हजारों वर्षों से यह पर्वत ऋषियों की तपस्या का स्थान रहा है।
गुजरात में आंजणा जाट चौधरी के गांव मुख्य रूप से उत्तर गुजरात में मिलती है जबकि मुख्य बस्ती के रूप में बनासकांठा और साबरकांठा के आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में ये लोग मुख्य रूप से निवास करते है। ये लोग अपने नाम के आगे अटक, पटेल और देसाई लगाते है जिसके कारण इन्हें ऑजणा अटक, ऑजणा पटेल और ऑजणा देसाई के नाम से जाना जाता है। ऑजणा जाटों का गोत्र है। जानकारी के अनुसार यह गोत्र 265 ईस्वी के आस पास अस्तित्व में आया था।
राजस्थान में भी ऑजणा चौधरी की बड़ी आबादी है। ऑजणा गोत्र के उपगोत्र के 260 गोत्र राजस्थान में रहते है। जबकि कुछ गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के गोत्र आपस में मिलते जुलते है जिसके कारण ये लोग एक ही गोत्र में शादी नहीं करते है। ये लोग एक ही गोत्र के लोगों को भाई बहन मानते है। राजस्थान में ऑजना चौधरी की बस्ती मुख्य रूप से माउंट आबु, आबु रोड, लासोर, सिरोही, जोधपुर, सांचोर, भीडवाल, बाडमेर, चितौड, प्रतापगढ, ओरया में मिलती है।
ऑजणा जाट मुख्य रूप से खेती बाड़ी का कार्य करते थे लेकिन राजस्थान में रेतिली जमीन और सुखे के कारण इन लोगों को कृषि की जगह नौकरी और व्यावसाय को अपना पेशा बनाया। जिसके कारण ऑजणा गोत्र के जाटों में राजस्थान के लोग बहुत समृद्ध है। राजस्थान में इस गोत्र के बड़े बड़े व्यापारी, अफसर, शिक्षा विद पाए जाते है जो इस गोत्र के जाटों का नाम रोशन करते है। अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत, मद्रास, पुणे, नासिक, बाड़मेर, उडि़सा, गोवा, मुंबई में कई बड़े व्यापारिक कार्यों के मालिक ऑजणा जाट गोत्रों के लोग बने बैठे हुए है।
कई आँजणा चौधरी अपने नाम के साथ यह पेटा गोत्र को सरनेम की तरह उपयोग करते है। ऑजणा चौधरी के पूर्वज पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से विस्थापित होकर गुजरात में बस गये है। ये लोग सीधे और कृषि कार्य करते थे लेकिन हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में इन्होंने कई बार लूट का सामना किया। कभी युद्धों में तो कभी लूटेरों ने इन्हें लूटा जिसके कारण इन्होंने परेशान होकर ये जगह छोड़ कर गुजरात में जाकर बस गए। यहीं कारण है कि गुजरात के ऑजणा जाट और राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के ऑजणा जाटों में आपस में थोड़ा बहुत रिश्ता बना हुआ है। इन जाटों के खाने पीने का तरीका, स्वभाव, भोलापन, खूबसूरती, पहनावा, रीतिरिवाज बहुत कुछ आपस में मेल खाते है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये लोग आपस में जुड़े हुए है।
गुजरात ऑजणा चौधरी कृषि और पशुपालन से जुडे हुई है। गुजरात की बनास डेरी और बनास बैंक, दूध सागर डेरी, अमूल डेरी आदि के विकास और स्थापनाओं में ऑजणा जाटों की विशेष भूमिका है।
हरिभाई परथीभाई चौधरी गुजरात से केन्द्रीय मंत्री रहे है।
जबकि शंकर चौधरी गुजरात सरकार में आरोग्य मंत्री व बनास डेरी और बनास बैंक के चेयरमैन है।
विपूल चौधरी पूर्व गृह राज्य मंत्री रहे है
परथीभाई भटोल पूर्व चेयरमैन अमूल एंड बनास डेरी
शंकर चौधरी वाव विधायक
जोईताभाई पटेल विधायक
अमित चौधरी विधायक के रूप में रहे है ये सब ऑजणा जाट गोत्र से ही संबंध रखते है।
गुजरात के ऑजना जाट चौधरी के गणमान्य व्यक्ति
मानसिंह चौधरी- दूधसागर डेरी मलेसाणा के स्थापक और अध्यक्ष
मलबाभाई चौधरी- बनास डेरी पालनपुर के स्थापक और अध्यक्ष
जयेश चौधरी- दूध सागर डेरी के वर्तमान अध्यक्ष
शंकरभाई चौधरी- बनास डेरी पालनपर के वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व मंत्री गुजरात सरकार
उरिभाई चौधरी – पूर्व मंत्री भारत सरकार
पखतभाई पटेल- सांसद एवं पूर्व मंत्री गुजरात सरकार
मोती भाई चौधरी – पूर्व सांसद
नाथा भाई पटेल- एमएलए
रीवाभाई भूरिया, एमएलए गुजरात
दलुभाई देसाई – पूर्व जिला परिषद के अध्यक्ष व एमएलए
गुरिभाई चौधरी – सामज के वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष जिला परिषद गांधी नगर
अमित चौधरी – पूर्व एमएलए
पदमश्री पुरस्कार – पत्रकारिता और साहित्य में देवेन्द्र पटेल, गुजराती पत्रकारिता में काफी बड़ा नाम है। ये साहित्यकार भी है। उनकी 100 से ज्यादा किताबे प्रसिद्ध हुई है। कई बार प्रधानमंत्री के साथ पत्रकारों की टीम में उन्होंने विदेशों का दौरा भी किया है। गुजरात के पत्रकारिता के इतिहास में आज भी देवेन्द्र पटेल एक मात्र पत्रकार है जिन्हें पद्मश्री से नवाजा गया है जो समग्र जाट समाज का गौरव है।
ज्ञान पीढ पुरस्कार – साहित्य
देश के साहित्य जगत में ज्ञान पीढ पुरस्कारों से बडा पुरस्कार नहीं है। गुजरात के आँजना जाट चौधरी समाज के लिये यह गौरव की बात है कि गुजरात में आज तक दो साहित्यकारों को ज्ञान पीढ पुरस्कार से सम्मानित किया गया दोनों हमारी बिरादरी से है। एक पन्नालाल पटेल और दुसरा रघुवीर चौधरी।
पदमश्री पुरस्कार -कृषि क्षेत्र का पदमश्री पुरस्कार गुजरात के बनारस के डिस्ट्रिक्ट धना भाई चौधरी को मिला है। उन्होंने अनार की खेती में उसकी पैदावार में नया कीर्तिमान प्राप्त किया है।
जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड गुजरात के ऑजना चौधरी समाज की बेटी निलाशा पटेल मोडासा अखकी डिस्ट्रिक्ट से है। उनके नाम दुनिया की सबसे लंबे बाल वाली महिला होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके बालों की लंबाई 5 फुट 7 इंच है वह अभी 18 साल की हैं। और वह IIT इंजीनियरिंग की छात्रा हैं।
हरि देसाई- हरि देसाई जाने माने पत्रकार है। वो गुजरात के कई जाने माने अखबार और पत्रिकाओं में अपने लेख लिखते है। अभी वह अहमदाबाद में जर्नलिस्ट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर हैं।
डॉ केशुभाई देवाई- ये प्रसिद्ध साहित्यकार है। डॉक्टर केशुभाई एमबीबीएस डॉक्टर है लेकिन साहित्य में ज्यादा रूची होने की वजह से उन्होंने प्रैक्टिस नहीं कि और साहित्य साधना में ज्यादा सेवा की। गुजराती भाषा के जाने माने साहित्यकार डॉ केशुभाई देसाई का नाम आदर के साथ लिया जाता है।
डॉ भासुग चौधरी, टाईम ऑफ इंडिया ग्रुप के गुजराती अखबार में पत्रकार है। और युवा सात्यिकारी है। उनको फेलोशीप भी प्राप्त हो चुकी है।
विशाल चौधरी – ये पाइलेट हैं गांव देहात में रहने वाले किसान का ये बेटा अमेरिका में पढ़ाई करके अपने देश की सेवा करने के लिए वापस भारत आया। और करीब 10 साल से गुजरात के मख्यमंत्री और कई VVIP को अपनी सेवा प्रदान कर रहें हैं। जो आंजना समाज का गौरव है।
मोती भाई पटेल- गुजरात के प्रसिद्ध शिक्षा विद है।
ऑजणा जाट चौधरी की युवा पीढी आज पढ लिखकर सरकारी नौकरी कर रही है। डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस डिपार्टमेंट, शिक्षक, प्रोफेसर आदि सेवाए दे रहे है। जबकि इस गोत्र के बहुत से लोग अमेरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैड में भी बसे हुए है।
राजस्थान के ऑजना समाज के गुरू गद्दी पर लूणी कसबे के शिफारपुरा गांव में है। राजा रामजी समाज के एक गुरू थे अभी आश्रम के गुरू पद पे दयाराम जी महंत है। समाज की गुरू परंपरा की गदी पर सब महंत ऑजना चौधरी बीरादरी के ही आते है।
राजस्थान के गणमान्य व्यक्ति
राजस्थान पश्चिमी राजनीति में ऑजना चौधरी समाज का महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है। आज भी किसी न किसी राजनैतिक पार्टी में एक से दो सांसद और चार से 6 एमएलए ऑजणा समाज से आते है। राजस्थान की अभी की कांग्रेस सरकार में उदयलाल ऑजणा, अशोक गेहलोत की सरकार में मंत्री पद पर है। उदयलाल ऑजणा चितौड के और बड़े दबंग नेता माने जाते है।
देवीभाई जी पटेल- जालोर सिरोही लोक सभा क्षेत्र से देवजी भाई पटेल तीसरी बार बीजेपी पार्टी की टिकट पर सांसद चुने गए है। वो बडे किसान , सामाजिक कार्यों से जुडे जमीनी नेता है
अमरा राम चौधरी – बाडमेर क्षेत्र के बडे अमराराम चौधरी राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री है भूराराम चौधरी – भूराराम चौधरी बीजेपी की टिकट से तीसरी बार एमएलए चुने गए है। जोगाराम चौधरी- जोगराम लूली क्षेत्र के बडे नेता और किसान। प्रसिद्ध एडवोकेट और पूर्व मंत्री है। जीवाराम चौधरी – पूर्व एमएलए और इंडस्टीयल है।
राजस्थान के जाट और ऑजना जाट अपनी अपनी अलग पहचान की जगह सगहीन होकर साथ में अपना काम करता है। राजस्थान जाट समाज राजनीति में अपना लोहा मनवा सकता है।
जिस प्रकार से राजस्थान से सटा गुजरात बार्डर यानी उत्तर गुजरात में ही ऑजना जाट चौधरी की बस्ती सीमित रह गई है वैसे ही मध्यप्रदेश का बार्डर राजस्थान से लगता है वहां पर भी ऑजणा चौधरी के गांव बसे है। रतलाम, उज्जैन और इंदोर क्षेत्र में ऑजना चौधरी कृषि व्यापार से जुडे है वे चौधरी पटेल और ऑजणा सर नेम लिखते है वो बड़े प्रगतिशील किसान है। गुजरात राजस्थान और मध्यप्रदेश के ऑजणा चौधरी के बडे बडे गांव है आर्थिक दृषि से ये लोग सुखी और सम्पन्न है। आंजना चौधरी के राजस्थान में दो हजार से ऊपर गांव है। राजस्थान के लगभग सभी जिले में ऑजणा गोत्र के लोग मिलते है।
यह जानकारी हमें जशुभाई पटेल ने दी है अगर आपके पास भी आपके गोत्र से संबंधित कोई जानकारी हो तो हमें भेजने का कष्ट करें हम आपके नाम से उसे प्रकाशित करेंगे।