बाना जाट Bana gotra
बाना जाट एक चंद्रवंशी गोत्र के अंतर्गत आता है। जानकारी के अनुसार इस गोत्र की शुरूआत नरेश बाणासुर से हुई थी। इसी कारण इस गोत्र का नाम बाना रखा गया। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि बलि का पुत्र बाण था इसी कारण बाण लोगों को बाना जाट के नाम से पुकारा जाता है। बलि के वंशजों को बल कहते थे और इनके नाम पर बलमण्डल प्रसिद्ध हुआ। बल लोगों को जिन लोगों ने परास्त किया वे बलहरा नाम से प्रसिद्ध हुए और उन्होंने बलहरोत्तरा नामक नगर बसाया जो बलोत्तरा कहलाया। बिलाडा बलोतरा की भांति ही बाली भी बल लोगों का ही आबाद किया हुआ नगर है। इन लोगों की हुकूमत ईसा की दूसरी शताब्दी तक रही थी। किसी समय बालोतरा का नाम बलवत्तर और रत्नपुर भी था। पदम पुराण से पता चलता है कि किसी समय यहां रूरू नाम के शासक का आधिपत्य था। यह लोग ईरान से आए थे जिसके कारण इन्हें असुर भी कहा जाता है। लेकिन यहां एक बात समझने योग्य है कि इस गोत्र के लोगों के लिए जो असुर का प्रयोग किया गया है वह रक्षक के रूप में किया गया है ना कि उस असुर के रूप में जिसका तात्पर्य हम अक्सर समझते है।
बाना लोगों के बारे में यह भी जानकारी मिली है कि बाना लोग बान गंगा के किनारे से उठकर ईरान देश में गए वहां बस्तियां बसाई वहां उनके रहने से वहां की नदी का नाम बाना नदी पड़ गया।
भरतपुर में बयाना नामक जगह इस वंश के क्षत्रियों की राजधानी के रूप में जानी जाती थी। यहां की राजकुमारी उषा का विवाह श्रीकृष्ण के पौत्र तथा प्रद्युम्न के पुत्र अनिरूद्ध के साथ हुआ था। उषा का स्मृति मन्दिर बयाना में आज भी स्थित है। बाद में इस नगर पर वरिक जाटों ने और उसके बाद सिनसिनवार जाटों ने कब्जा कर लिया।
गौरतलब है कि बाना जाटों का राज्य भारतवर्ष की पश्चिमी सीमा पर था। इस कारण पश्चिम से जिसे भी भारत पर आक्रमण करना होता था उसे पहले इन बाना जाटों से संघर्ष करना पडता था जिसके कारण कुछ लोग इन्हें पश्चिम का द्वारपाल के रूप में भी जानते है। इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि बाना वंश शुद्ध वैदिकधर्मी रहा है क्योंकि इस गोत्र के लोगों ने कभी भी सिक्खों और मुसलमानों के आगे घुटने नहीं टेके और ना ही दूसरा धर्म को स्वीकार किया है।
बाना जाटों के गांव
राजस्थान में अजमेर के पास बयावर और कादियार खंडा में बाना जाटों के गांव मौजूद हैं।
बीकानेर जिले में बाना गांव,भदानगर, जसरासर, कडियार खंडा
चूरू जिले में गांव चैनपुरा बारा, जलेऊ रतनगढ, करनसर, पूनूसर, सरदारशहर, रोलासर के नाम आते है।
बाड़मेर जिले में गाँव
अमरजी की ढाणी, आरंग, बट्टू, बेरीवाला ताल (बेरीवाला तला), चबावस, चवनदा, दरसार, हूडो की ढाणी, इस्रोल (100), शिवकर, टंकेलियर,
जोधपुर जिले में गाँव
बन का बास, बनन का बास (शेरगढ़ जोधपुर), जगु बन की ढाणी, माला, नयागांव चाकसू, नेवरा (ओसियां), रतनदा,
अजमेर जिले में गाँव
बेवर, गढ़ी थोरियान, रघुनाथपुरा अजमेर, सुरसुरा,
जयपुर शहर में स्थान
हिम्मत नगर, कैलासपुरी, टोंक रोड,
जयपुर जिले में गाँव
बागेट, बंशीपुरा, बोकारावस, चुरु (2), धंधोली (7), इटवा तेज्या का बास, जैतपुरा, लक्ष्मीनारायणपुरा (1), मालदा, मेदपुरा, मुंगफला (2), नयागांव (1), फुलेरा, रसूलपुरा, साली (150) , श्री रामपुरा, सूरजपुरा (1),
नागौर जिले में गाँव
बरनी, भड़ाना बन का, देह, गनसाली, हरनावा (50 परिवार), हुडेल, जसवंताबाद (400 परिवार), किरोड़ा, लोनवा (3 परिवार), पुंडलोटा,
हनुमानगढ़ जिले के गाँव
भरवाना, गुलाबगढ़, मालिया नोहर, रामगढ़ हनुमानगढ़, रामगढ़ उज्जलवास, रामसरा, साहजीपुरा, संगरिया,
गंगानगर जिले के गाँव
ठाकरी गंगानगर,
टोंक जिले में गाँव
महादेवपुरा (1),
चित्तौडग़ढ़ जिले के गाँव
बाना का खेरा, साहनावा,
झुंझुनू जिले के गाँव
लाडसर
पाली जिले में गाँव
देवली कलां (9)
हरियाणा में वितरण
सिरसा जिले में गाँव
बकरियांवाली, खारीयन खेवली, पिली मंडोरी, पोहरन (पोहडक़ा), मीठी सुरेरन (मि_ी सुरेरां),
कुरुक्षेत्र जिले में गाँव
कोनर गांव
उत्तर प्रदेश में वितरण
मेरठ के प्रसिद्ध गांव गिरधपुर, चितौली और चंदौड़ी आदि में बाना जाटों का निवास है।
मेरठ जिले में गाँव
गिरधपुर, छिन्दोरी खास,
गाजियाबाद जिले में गाँव
चितौली
मुजफ्फरनगर जिले के गाँव
चंदौली
मध्य प्रदेश में वितरण
रतलाम जिले के गाँव
घटवास 1, सलाखेडी 1,
इंदौर जिले में गाँव
मानपुर
हरदा जिले में गाँव
बिछापुर, गोयत हरदा,
होशंगाबाद जिले के गाँव
चांदपुर
पंजाब में वितरण
पंजाब में नवांशहर जिले में बलाचौर तहसील में बाना गाँव है।
बाना गोत्र के उल्लेखनीय व्यक्ति
किशन लाल बाना- सामाजिक कार्यकर्ता
रावत राम बाना – सामाजिक कार्यकर्ता
गंगा राम बन – वन्य जीवों की रक्षा करते शहीद हुए।
राधा कृष्ण चौधरी (बाना) – पूर्व अध्यक्ष, इफको
दिलीप चौधरी (बाना) – पाली जिले के जैतारण से 2008 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए।
डूंगर सिंह बाना – उपाध्यक्ष, राजस्थान जाट महासभा
अजय बाना – राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गौपुत्र सेना भारत
नंद राम बाना – सामाजिक कार्यकर्ता
डॉ. अजीत बाना – शाश्वत अस्पताल जयपुर में कार्डियोवस्कुलर सर्जन
डॉ. बेगा राम बाना –
राम स्वरूप बन – वैज्ञानिक (एग्रोनॉमी)
अडू राम बाना –
कर्नल एन. बाना –
कर्नल नरेश बाना – आर.पी.एस., सेवानिवृत्त।
सीता राम बन – आरजेएस, जसवंताबाद, मेड़ता सिटी, नागौर, राजस्थान से