स्कूल जो आपके बच्चो΄ को सुरक्षा और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है
तो कोई बात नहीं हम आपको बताते है΄ एक ऐसे ही स्कूल के बारे मे΄ जो किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी बच्चों΄ को प्रदान करता है। यही कारण है कि इसके प्रांगण मेें वह सब देखने को मिलेगा जिसका आम जीवन से हमारा पाला पड़ता है। वह चाहे अस्पताल हो या फिर पुलिस स्टेशन या फिर कोर्ट। अब आप जानना चाहेंगे यह स्कूल कहां पर है। यह स्कूूूल हरियाणा के गन्नोर क्षेत्र में। दिल्ली से मात्र 40 किलोमीटर दूर जीटी रोड़ के साथ एनएच-1,तहसील गन्नौर सोनीपत में स्थित है स्कूल । मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल प्रकृति की गोद मे΄11 एकड़ में फैला हुआ है। शहर के शोर- शराबे भीड़-भाड़ से दूर। जहा΄ कोई प्रदूषण नही΄। एक शांत वातावरण मेें बच्चोंं के भविष्य निर्माण का दायित्व निभा रहा है मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल। जब जाट जागरण पत्रिका की टीम मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल पहुंची तो सभी बच्चे अपनी-अपनी कक्षा में पढ़ाई करने मेंं व्यस्थ थे। स्कूल टीचर से बात करने पर पता चला कि स्कूल के सभी स्टाफ को गहन अध्ययन व एक कड़े इंटरव्यू के बाद रखा गया है, ताकि अध्यापक बच्चोंं के सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकें। यहांं के अध्यापकों का मानना है कि बच्चों का आधार अगर मजबूत होगा तो वह जीवन में कभी हारेगा नहींं मानेंंगे बात चाहे नौकरी की हो या फिर व्यापार की। इसके अलावा वह अपने सामाजिक व व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को भी भली-भॉति निभाएगा। जब जाट जागरण की टीम ने स्कूल में अपने बच्चों को लेकर आने वाले माता-पिता से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने अपने बच्चे का स्कूल में एडमिशन कराने के लिए काफी स्कूलों का दौरा किया लेकिन कहीं सुविधाओंं की कमी थी तो कहीं स्टाफ शिक्षित नहीं था, कहीं सुरक्षा के मदद्नेजर परेशानी का सामना करना पड़ रहा था फिर आखिर में जब हम मॉडर्न कान्वेंट स्कूल पहुंचे तो हमने अन्य स्कूलों के मुकाबले अपने बच्चे का भविष्य यहां ज्यादा सुरक्षित लगा।
एक सवाल के जवाब में स्कूल के प्रधानाचार्य से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य केवल बच्चोंं को शिक्षित करना ही नहीं बल्कि उनके शारीरिक मानसिक विकास को सही दिशा देना है। बच्चे 10 कक्षा तक जो ग्रहण करते है उन्हें जिस माहौल मे΄ रखा जाता है सारा जीवन वह उनके जीवन का आधार बन जाता है।
अगर आप बच्चे को बचपन में आलसी बनाओगे तो वह सारा जीवन आलसी ही बना रहेगा। अगर बच्चोंं को आप बचपन में मेहनत करना सीखाओगे तो वह सारी उम्र मेहनत करेगा। अपने हर काम मेंं100 प्रतिशत डालेगा। अब यह हम पर है कि हम बच्चोंं का कैसे निर्माण करते है।
बच्चों देश का भविष्य है बच्चोंं का निर्माण देश का निर्माण इसी बात को ध्यान मेंं रखते हुए हम अपने उद्देश्य तय करते हैं यही कारण है कि हमने अध्यापकोंं के साथ-साथ सफाई कर्मचारी व बस ड्राइवरोंं तक का पूर्ण निरीक्षण करने के पश्चात उन्हेंं अपने यहांं नौकरी पर रखा है क्योंकि बच्चा जिसके भी संपर्क मेंं आता है वह उसे कुछ सीखता है इसीलिए बच्चोंं के आस-पास स्कूल मेंं ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास किया जाता है, बच्चा हमेशा सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण करे। आइए अब हम आपको स्कूल मेंं दी जाने वाली सुविधाओंं के बारे मेंं बताते है΄-
हॉस्टल की सुविधा-
स्कूल मे΄ 2000 बच्चो΄ के हॉस्टल मे΄ रहने की पूर्ण सुविधा है जहा΄ बच्चो΄ की शिक्षा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का भी पूर्ण ध्यान रखा जाता है। समय पर खाना व खाने की क्वालिटी के साथ कोई समझौता नही΄ किया जाता, क्यो΄कि बच्चो΄ को बचपन मे΄ ही पोषण की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है इसी को ध्यान मे΄ रखकर बच्चो΄ के शारीरिक विकास के पौष्टिक खाने पर ध्यान दिया जाता है।
अत्याधुनिक कक्षाएं
बच्चोंं को आधुनिक रूप से शिक्षित करने के लिए सभी कक्षाओंं मेंं प्रोजेक्टर के द्वारा पढ़ाई करवाई जाती है। ताकि बच्चोंं को उच्च क्वालिटी का ज्ञान प्राप्त हो सकेंं । बच्चों में तकनीकी ज्ञान का विकास करने के लिए स्कूल में विशेष रूप से कंप्यूटर लैब का प्रबंध किया गया है जहां बच्चों को कंप्यूटर के बारे में जानकारी दी जाती है तथा आम जीवन में कंप्यूटर के महत्व के बारे में बच्चों को अवज्ञत कराया जाता है। कंप्यूटर क्षेत्र में भविष्य निर्माण की सभी संभावनाओं को मॉर्डन कान्वेंट स्कूल में ही खोल दिया जाता है।
बच्चोंं के विकास का प्राकृतिक माहौल
ये सभी जानते हैंं कि स्वच्छ वातावरण एवंं प्राकृतिक हरियाली मेंं तन व मन दोनोंं तेजी से विकास करते हैंं अगर बचपन मेंं बच्चे को प्राकृतिक माहौल मिल जाए तो बच्चे का उचित विकास हो सकेगा तथा वह स्वच्छता, पर्यावरण
संरक्षण आदि के बारे मेंं और बच्चोंं से ज्यादा सचेत होगा जिसके कारण वह एक जिम्मेवार इंसान के रूप मेंं अपना जीवन जीएगा जिसमें वह अपने माता-पिता की सेवा करना व रिश्तों का
महत्व समझने मेंं सक्षम होगा। शहरोंं के भीड़-भाड़ भरे जीवन में यह संभव नहीं है।
खेलों में भविष्य निर्माण
आज सभी जानते हैंं कि खेलोंं मेंं एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण हो रहा है। जहांं आपको पैसा, इज्जत, शौहरत सभी प्राप्त हो जाते है΄ इसी बात को ध्यान मेंं रखते हुए स्कूल की ओर से खेलोंं पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यही कारण है कि स्कूल मेंं फूटबाल, क्रिकेट, बास्किट बाल, टेनिस सभी खेलोंं के अलग-अलग प्ले ग्राऊंड मौजूद है जहां बच्चे आराम से पैक्टिस कर सकते हैं तथा खेलोंं में अपना भविष्य का निर्माण कर सकते है΄।
यातायात की बेहतर सुविधा
बच्चों व माता पिता को किसी प्रकार की यातायात सुविधा में परेशानी ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए स्कूल का निर्माण दिल्ली पानीपत रोड़ के बिल्कूल साथ किया गया है। स्कूल का प्ले ग्राउंड हाईवे को छुता है। स्कूल में बच्चों को लाने ले जाने के लिए विशेष रूप से स्कूल बसों का बंदोबस्त किया गया हैं । इस बारे में जब स्कूल प्रिंसीपल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बच्चों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्कूल बसों में स्टाफ बहुत ही जांच पड़ताल के बाद रखा जाता है साथ ही साथ स्कूल बसों की हर महीने जांच की जाती है कि इनमें किसी प्रकार की कमी तो नहीं क्या सरकार द्वारा तय मानदंडों पर स्कूल की बसें खरी उतरती है। इस सब बातों का बहुत ही संजीदगी से ध्यान रखा जाता है।
छोटे बच्चों के लिए खेल की सुविधा
छोटे बच्चों के लिए विशेष रूप से स्कूल में छोटे छोटे झूले लगाए गए है साथ ही साथ स्कूल प्रागंण में छोटी सी रेलगाड़ी बच्चों का ध्यान काफी आकर्षित करती हुई नजर आती है।
बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खेलते हुए बच्चों पर स्कूल टीचर विशेष रूप से ध्यान रखती है ताकि बच्चों को किसी प्रकार की दुर्घटना का सामना ना करना पड़े। सुरक्षा और बेहतर नागरिक तैयार करना ही स्कूल का एक मात्र लक्ष्य है जिसके लिए स्कूल शुरू से ही कार्य करना शुरू कर देता है। अपने जीवन में नियमों का पाल करना एवं संतुलित जीवन शैली व कठोर परिश्रम ही सफलता का एक मात्र रास्ता है। इस बात को स्कूल भली भांति समझता है जिसे देखते हुए स्कूल बच्चों के एडमिशन से ही बच्चों में ये गुण डालने का प्रयास करता है ताकि बच्चा सख्त मेहनत करना सीख गया तो वह कभी जीवन के किसी मोड़ पर हार नहीं मानेगा व अपना लक्ष्य हासिल करके ही रहेंगा।
इस बारे में स्कूल की प्रबंधक मीनाक्षी मान ने बताया कि हमारा लक्ष्य बच्चों में शुरू से ही अच्छे संस्कारों व गुणों को डालना है ताकि बच्चों के उज्जवल भविष्य का निर्माण किया जा सकें। बच्चे एक बार मेहनत, संस्कार, ईमानदारी आदि के गुण विकसित हो गए तो बच्चे फिर कभी जीवन में असफलता की ओर नहीं देखते। ऐसे ही बच्चे एक स्वस्थ भारत का निर्माण करने में महत्वपूर्ण योगदान देते है।