फौगाट जाट गौत्र इतिहास Phogat jat history
फोगाट को फोगत, फौगाट, फगेडिया, फगेडन्या, फागोंडचा, फौग, फोघट आदि नामों से भी जाना जाता है। यह एक जाट गोत्र है जो कि हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पाकिस्तान में मिलते है जबकि फोग के नाम से कुछ लोग अफगानिस्तान में भी मिलते है।
भाटों ने इस गोत्र के वंश के इतिहास के बारे में बताया कि फौगाट जाट वंश का प्रचलन सम्राट पृथ्वीराज चौहान के लघुपुत्र बिल्हण से है। लेकिन तथ्यों को देखने पर यह बात असत्य लगती है। क्योंकि इतिहास को देखने पर पता चलता है कि जाटों से राजपूत तो काफी लोग बने लेकिन राजपूत से कोई जाट गोत्र प्रचलित हुआ हो इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिलती है। दूसरा यह पता चलता है कि कोई भी जाट गोत्र एक व्यक्ति से नहीं निकला है वह केवल संघ या फिर स्थान की प्रसिद्धि के नाम से ही प्रचलित हुआ है।
दलाल जाट गोत्र DALAL JAT GOTRA
जब सच्चाई जानने के लिए खोज बीन की गई तो पता चला कि फौर एक जाट गोत्र है जिसका अच्छा संगठन था। उसका नाम फौरगाथ था। यूनानी भाषा में एवं मध्य एशिया में जाट को गाथ बोलते हैं। अत: फौर जाटों का समूह (संघ) फौरगाथ कहलाया। कुछ समय के पश्चात् भाषा भेद से इसका नाम फौगाट पड़ गया। इस गाथ शब्द से यह भी अनुमान लगता है कि फौरगाथ सम्भवत: यूनान एवं मध्य एशिया में रहे और उनका एक दल भारत में आकर दादरी क्षेत्र में आबाद हो गया जो आज फौगाट जाट कहलाते हैं।
एक बार महाराजा जसवन्त सिंह जोधपुर नरेश अपनी सेना सहित देहली जाते हुए दादरी ठहरे। यहां पर दादरी के झाडू फौगाट जाट ने उनका बड़ा अतिथि-सत्कार किया। इससे प्रसन्न होकर राजा जसवन्त सिंह ने सम्राट् औरंगजेब से कहकर फौगाट जाटों की सहानुभूति लेने के लिए दादरी के अधीन 12 गांव कर दिये और झाडू फौगाट जाट को दादरी का सरदार बना दिया। इस तरह से फौगाटों का दादरी पर राज्य स्थापित हो गया। उसी समय से यह कहावत प्रसिद्ध हुई कि 12 गांव फौगाटों के झाडू सरदार। कई इतिहास पुस्तकों में इस झाडू को झण्डू फौगाट भी लिखा है। कुछ समय के लिए झज्जर के नवाब ने दादरी पर अधिकार कर लिया था।
गुलिया जाट GULIA JAT GOTRA
सन् 1857 में महाराजा सरूपसिंह जींद नरेश का विवाह दादरी के फौगाट जाट सरदार की पुत्री से हुआ। सन् 1857 की प्रथम स्वतन्त्रता क्रांति में महाराजा स्वरूपसिंह ने अंग्रेजों की सहायता की थी। इस क्रांति के शान्त होने पर अंग्रेजों ने नवाब से दादरी का इलाका जब्त करके जींद महाराजा को दे दिया। परन्तु महारानी जींद ने अपने पिता द्वारा गोद लिए हुए पुत्र चौधरी दरयावसिंह को 7 गांव जागीर में महाराजा से दिलवा दिए। किन्तु इनके एक पुत्री भी थी जो मुरसान (यू0 पी0) में शादी की गई। इस आधार पर ये गांव मुरसान रियासत के अधिकार में आ गए। भारत को स्वतन्त्रता प्राप्त होने पर भारत में सब रियासतें सरकार के अधिकार में कर ली गईं। फौगाट जाटों की खाप में अब 12 गांव हैं जिसका प्रधान गांव दादरी है।
दिल्ली में हुमायूँ पुर,
लाम्बा जाट गोत्र LAMBA JAT GOTRA
हरियाणा में वितरण
भिवानी जिले में बलकरा, बीरन, चरखी दादरी, धनी महू, धनी फोगट, गोत्र भिवानी, हंसाना, कामोद, लगन, लोहरवाड़ा, माई खुर्द, मकड़ाना, मकरानी, मोरी भिवानी, पटुवास, राराना, रावलंदी, समसपुर, संजरवास फोगाट, सिंगर
फतेहाबाद जिले में फूलन,
गुडग़ांव जिले में लंगड़ा,
हिसार जिले में कनोह
रोहतक जिले में भलौत, भारन, नया गाँव (जाटो वाला), रिठाल,
सिरसा जिले में चहरवाला, फुलकान,
सोनीपत जिले में किलाना
राजस्थान में वितरण
अलवर जिले बिघाना जाट, खीरी,
भरतपुर जिले में नोनेरा
झुंझुनू जिले में कासिमपुरा, खिदरसर, पोसनी,
चूरू जिले में घनघू (50), लम्बोर बारी, सरदारशहर, सुजानगढ़ (2),
नागौर जिले में बाग मेड़ता (5), भोजपुरा खुर्द, चंडी मकराना, चूडिय़ां, डासना कलां, दाउदसर, सिलनवाड़,
सीकर जिले में बालोद, भदादर, भदवासी सीकर, भैरोपुर (15), भवासी, भूमा छोटा, चचीवाड़ बारा, दलमास की ढाणी, दलमास, धनधन (8), धानी फागियां, दीनारपुरा सीकर (1), फगलावा, फगेरिया की ढाणी, घाना सीकर, घाना सीकर। , कंदलाऊ, कटराथल, कोलीडा, कुंदन, कुरली, मानसी, पालड़ी, रामपुरा, रामसिंहपुरा, रूपगढ़, शिवसिंहपुरा, सीकर, थोरसी, तिरोकी छोटी
टोंक जिले में लावा
हनुमानगढ़ जिले में बुधर, ढाबन, भंगवा (10) (भादरा तहसील), गान्धी, हनुमानगढ़,
जयपुर शहर में गणेश कॉलोनी (खातीपुरा), हरमरा, महारानी फार्म, मुरलीपुरा स्कीम, क्वींस रोड, वैशाली नगर,
जयपुर जिले में भोगपुरा, कापरियावास खुर्द, पोटका,
पाली जिले में रेनदारी
पाकिस्तान में वितरण
फोगट – मुल्ला जाट कबीले थे। मुस्लिम फोगाट सोनीपत और रोहतक में पाए गए। वे अब मुख्य रूप से ओकारा, वेहरी और कसूर जिलों में पाए जाते हैं।
उल्लेखनीय व्यक्ति
संत जमनादास – फौगाट जाटों के प्रसिद्ध सन्त
स्वर्गीय चौधरी दीदार सिंह फोगट
सतपाल सिंह फोगट,
स्वर्गीय सूबेदार चुना राम फागेरिया
जस राज फगेरिया
गंगा राम फागेरिया
राजे राम फोगट
डॉ. सिलक राम फोगट – एक प्रतिष्ठित पुरातत्वविद्
गीता फोगट – पहलवान।
विनेश फोगट – पहलवान।
बबिता फोगट – पहलवान।
स्वर्गीय चौधरी रण सिंह फोगट –
अमर सिंह –
सरदार सिंह – विधि अधिकारी, दिल्ली प्रशासन, भूमि और भवन विभाग
डॉ. ईश्वर सिंह – रोहतक के नेत्र सर्जन
फूल सिंह – डीएसपी (सेवानिवृत्त),
डॉ. एसी चौधरी – पूर्व निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं,
कमला चौधरी
तेजवीर सिंह
जस्टिस जसवंत सिंह –
स्वर्गीय राय बहादुर लाल चंद –
स्वर्गीय कैप्टन राघवेंद्र सिंह (फोगाट) –
स्वर्गीय कुंवर शमशेर सिंह -पंजाब के पूर्व आईजीपी
डॉ. महेंद्र सिंह – प्रमुख नेत्र विशेषज्ञ