ऊचाईयों पर होते हुए आधार स्तर पर कार्य करते है राजेन्द्र तुसीर
आपको बता दें कि राजेन्द्र सिंह का जन्म एक साधारण से जाट परिवार में 8 जनवरी 1956 को गांव नांगल कलां, जिला सोनीपत हरियाणा में हुआ। उनके पिता चौधरी हरदेव सिंह गांव के समृद्ध किसान थे। उनकी माता जी श्रीमति लक्ष्मीदेवी गांव हलालपुर जिला सोनीपत के समृद्ध परिवार से थीं। राजेन्द्र सिंह तुसीर को बचपन से ही परिवार से ईमानदारी व सख्त मेहनत से अपनी मंजिल हासिल करने की तालीम मिली। प्रारंभिक शिक्षा तो नांगल कला के स्कूल से ही हासिल की जिसके बाद सोनीपत से विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा हासिल की। वर्ष 1981 में बीए करने के बाद डाक विभाग की एसएएस की समक्ष परीक्षा पास करने के बाद डाक विभाग में कार्यरत हुए। सन 1981 से 98 तक डाक विभाग दिल्ली में कनिष्ठ लेखाधिकारी के पद पर कार्य किया। जिसके बाद 1995 से 2005 तक मुंबई- दिल्ली में एमटीएनएल में लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत रहे। इनकी मेहनत का ही नतीजा रह है कि वर्ष 2005 से 07 तक बीएसएनएल मुंबई में राजपत्रिक अधिकारी के पद पर कार्य किया जिसके बाद आप 2007 से 2016 तक बीएसएनएल गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में कार्यरत रहे। हाल ही में आप भारतीय बीएसएनएल ऑफिसर्स एसोसिएशन के चेयरमैन है। व बीएसएनएल कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर लगातार कार्यालय से पत्राचार करते रहते है।
इसके साथ ही साथ राजेन्द्र तुसीर जी का खेलों सी भी काफी प्रेम है। यहीं कारण है कि वे गांव नांगल कलां स्पोर्टस कमेटी के लाइफ मेंबर है तथा नांगल कलां में हर साल होने वाली कुश्ती प्रतियोगिता में प्रमुख भूमिका अदा करते हैं। इसके अलावा वे अपने जाट समाज के विकास के लिए भी काफी प्रयासरत रहते है। वर्तमान में वे भारतीय बीएसएनएल ऑफिसर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री है तथा समय -समय पर बीएसएनएल कर्मचारियों के परेशानियों को पत्र व्यवहार के द्वारा सरकार व संबंधित विभाग के संज्ञान में लाते रहते है तथा उन समस्याओं के समाधान का हर संभव प्रयास करते रहते हैं। आपकी खेलों में भी काफी रूची रहीं है जिसके कारण क्षेत्रीय स्तर पर कब्बडड्ी , वॉलीबाल, कुश्ती आदि खेलों में भी काफी भाग लिया।
रिटायर होने के बाद भी आज राजेन्द्र तुसीर जी बीएसएनएल ऑफिसर्स एसोसिएशन के माध्यम से लोगों की सेवा कर रहें है। हाल ही में इन्होंने लॉकडाउन में फंसे हुए लोगों को राशन आौर माास्क वितरित किया ताकि लोगों को लॉकडाउन में कम से कम परेशानी हो। राजेन्द्र तुसीर जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लॉकडाउन के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम भारत के इतिहास में एक सटीक और सही कदम साबित होगा। जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कारण मुश्किल में फंसी हैं वहीं दूसरी ओर भारत इस इस बीमारी से लडने में काफी सक्षम है। प्रधानमंत्री के फैसले ने ही देश को कोरोना वायरस के कारण होने वाली जान हानि को कई गुना कम कर दिया है जबकि अन्य शक्तिशाली देशों ने इसके आगे घुटने टेकते हुए अपने यहां हो रहे कोरोना वायरस के कारण मृत्यु दर को नहीं रोक पा है। कई देशों ने तो आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए लॉकडाउन को बहुत समय तक रोके रखा लेकिन भारत ने अपने लोगों की जान की प्रवाह करते हुए पहले कदम पर ही लॉकडाउन लगाया बल्कि उसका पूर्ण रूप से पालन किया।