भारत के स्टार जाट खिलाडी जानिये इनके बारे में
भारत के स्टार जाट खिलाडी जानिये इनके बारे में
star-jat-players नमस्कार जाट जागरण में आपका स्वागत है । आज हम आपको रू ब रू करा रहें है ऐसे जाट खिलाडिय़ों से जिन्होंने जमीन से उठकर अपने देश को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई साथ ही साथ सरकार ने भी उनकी लगन और मेहतन को देखते हुए उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। अगर आपको अपने समाज की खबरों को पाना चाहते है तो चैनल को सब्सक्राइब व शेयर कीजिए ताकि समाज की खबरें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे । तो चलते है जाट समाज के अनमोल रत्नों star-jat-players से रूब रू होने तो सबसे पहला नाम है
मानव जीत सिंह संधू – शूटिंग
मानव जीत सिंह संधू का जन्म अमृतसर , पंजाब में तीन नवम्बर 1976 को हुआ था। वे एक निशानेबाज है । वे ऐसे दूसरे भारतीय है जिन्होंने विश्व स्तर पर हुई चैंपियनशिप प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। 2006 में उन्होंने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। वे एक दाहिने हाथ के निशानेबाज है।
- अगर उनकी उपलब्धियों की बात करें तो
-1998 में कुआलालंपुर में पुरुष ट्रैप स्पर्धा पेयर्स में मानवजीत ने मनशेर सिंह के साथ 192 अंको का कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड बनाया है।
-उन्होंने मेलबर्न में हुए कॉमनवेल्थ खेलों (2006) में कांस्य पदक जीता था।
-दिसम्बर 2006 में दोहा में हुए खेलों में व्यक्तिगत रजत पदक के अतिरिक्त टीम का रजत पदक भी प्राप्त किया था।
-मानवजीत ने 2006 में जागरेब (क्रोएशिया) में हुई आई.एस.एस.एफ. विश्व चैंपियनशिप में ट्रैप स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।
-उन्हें वर्ष 2006 के लिए ‘राजीव गांधी खेल रत्नÓ पुरस्कार प्रदान किया गया।
विजेन्द्र सिंह मुक्केबाज
विजेंद्र सिंह का जन्म 29 अक्टूबर 1985 को हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ था। उनके पिता महिपाल सिंह बेनीवाल हरियाणा रोडवेज में बस ड्राईवर हैं। उनकी माँ एक गृहणी हैं। विजेंद्र एक बेहद ही निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
विजेंद्र सिंह को कॉलेज के दिनों से ही मुक्केबाजी और कुश्ती का शौक था, वह इसकी प्रैक्टिस भिवानी बॉक्सिंग क्लब में करते थे। उन्होंने कोचिंग का प्रशिक्षण भारतीय बॉक्सिंग कोच गुरबक्श सिंह संधू से लिया हैं।
विजेंदर सिंह ने कई बार भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जिताए है. विजेंदर सिंह ने बॉलीवुड में अभिनय भी किया है. उन्हें अभिनय का शौक बचपन से ही था. विजेंदर ने अक्षय कुमार द्वारा निर्मित फिल्म फग्ली में अभिनय का डेब्यू किया.
भारत सरकार द्वारा सन 2009 ने विजेंदर सिंह को राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड दिया गया.
सन 2010 में विजेंदर सिंह को पद्मश्री अवार्ड दिया गया.
सुशील कुमार सोलंकी
सुशील कुमार सोलंकी का जन्म सन 1983 में नजफगढ के पास बापरोला गांव में हुआ। अपने कजिन भाई संदीप को देखकर उन्होंने रेसलिंग की दुनिया में मात्र 14 साल की उम्र में कदम रखा। उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानी के गुण सीखे। वे पूर्ण रूप से शाकाहारी है।
सुशील कुमार ने 66 किलो ग्राम वेट डिविजन में 2010 वर्ल्ड टाइटल जीता था. उसके बाद सुशील ने सन 2012 के लंदन ओलंपिक्स में सिल्वर मैडल और सन 2008 में बीजिंग ओलम्पिक्स ब्रोंज मैडल अपने नाम कराया. इन दो खिताबों के बाद वे पहले ऐसे भारतीय व्यक्ति बन गये हैं, जिन्होंने 2 एकल ओलिंपिक मैडल जीते हैं. अपने उतम खेल प्रदर्शन के लिए सुशील कुमार को जुलाई, 2009 में राजीव गाँधी खेल रत्न से नवाजा गया हैं, जो कि भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान हैं. सन 2014 में हुए कॉमन वेल्थ गेम्स में 74 किलोग्राम डिविजन में सुशील ने गोल्ड मैडल जीता हैं.
साईना नेहवाल
साईना नेहवाल भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी है।
उनका जन्म 1990 में हरियाणा के हिसार में हुआ था।
साइना के पिता का नाम हरवीर सिंह और माता का नाम उषा रानी है। साइना नेहवाल का विवाह 14 दिसंबर, 2018 को मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप के साथ हुआ है। साइना के माता-पिता भी बैडमिंटन के बेहतरीन खिलाड़ी रह चुके हैं।
साइना ने प्रोफेशनल बैडमिंटन की ट्रेनिंग हैदराबाद के लाल बहादुर खेल स्टेडियम में ली है। बाद उन्होंने द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित कोच एस एम आरिफ से खेल के गुर सीखे। बाद में अपने खेल को और निखारने के लिए साइना ने हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद एकेडमी ज्वाइन की।
- साल 2009 में दुनिया की सबसे प्रमुख बैडमिंटन सीरीज इंडोनेशिया ओपन का खिताब जीता और वे इस खिताब को जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनीं।
2017 में 82वें नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में पीवी सिंधू को हराकर जीत दर्ज की।
2019 में इंडोनेशिया मास्टर्स के वीमेंस सिंगल्स का खिलाब अपने नाम किया।
2016 में भारत के सर्वोच्च सम्मान में से एक पदम भूषण सम्मान से पुरस्कृत किया गया।
2009-2010 में खेल जगत का सबड़े बड़ा और प्रतिष्ठित पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया।
2009 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
2010 में भारत के प्रतिष्ठित पुरस्कार पदमश्री से नवाजा गया।
पीवी सिन्धु – बैंडमिंटन
पीवी सिन्धु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंन्धु है। वे भारत की ओर से ओलंपिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का रजत पदक जीवने वाली पहली खिलाडी है।
पीवी सिन्धु के पिता का नाम पीवी रमण और माता का नमा पी विजया है। दोनों वालीबाल खिलाडी थे। पीवी सिन्धु ने केवल 8 साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।
2013 और 2014 में लगातार विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया।
वर्ष 2016 में, रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता।
2015 में सिंधु को भारत के चौथे उच्चतम नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
2016 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
साक्षी मलिक – पहलवान
साक्षी मलिक का जन्म 3 सितंबर 1992 को हरियाणा के रोहतक जिले के मोखरा गाँव में हुआ था।
अपने दादा सुबीर मलिक को देखकर साक्षी मलिक ने रेसलिंग में आने का इरादा किया।
केवल 12 साल की उम्र में, उन्होंने ईश्वर दहिया से प्रशिक्षण लेना शुरू किया और पांच साल बाद, उन्होंने 2009 के एशियाई जूनियर विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतते हुए सफलता का पहला स्वाद चखा। इसके बाद 2010 विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता।
2013 के कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कांस्य जीतने के बाद, साक्षी मलिक ने ग्लासगो में अगले वर्ष अपना पहला कॉमनवेल्थ गेम्स खेला और 58 किलोग्राम के फाइनल में नाइजीरिया की खिलाड़ी के खिलाफ हार झेलते हुए रजत पदक से संतोष किया। इसके बाद उन्होंने 2018 में 62 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक के साथ अपना दूसरा और अंतिम राष्ट्रमंडल खेल पदक जीता।
हालांकि, साक्षी मलिक की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि 58 किग्रा भारवर्ग में रियो 2016 ओलंपिक में जीता गया ओलंपिक कांस्य पदक ही है।
- सम्मान
पद्म श्री (2017) – से सम्मानित किया गया।
2016 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सरदार सिंह -हॉकी
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह का जन्म 1986 को हरियाणा के सिरसा में हुआ था। सरदार सिंह भारत के फील्ड हॉकी खिलाडी रहें । सरदार मिडफील्डर के स्थान पर खेले। भारत सरकार ने 2012 को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।
साल 2006 में सरदार सिंह को पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला अंतराष्ट्रीय हॉकी खेलने का मौका मिला था।
हॉकी इंडिया लीग के पहले संस्करण में सरदार सिंह सबसे महंगे खिलाडी बनकर उभरे थे।
एक कप्तान के तौर पर सरदार सिंह 16 टूर्नामेंट खेल चुके हैं, जिसमें विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी, हॉकी विश्व लीग, अजलान शाह कप, एशिया कप, एशियन गेम एशियन चैंपियंस ट्रॉफी और राष्ट्रमंडल खेल जैसे टूर्नामेंट शामिल है।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह के नाम 5 रजत और 2 कांस्य पदक भी दर्ज हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सरदार भारत की तरफ से ह़ॉकी में कप्तानी करने वाले सबसे युवा कप्तान रहे थे।
वर्ष 2015 में सरदार सिंह को Padma Shri Award मिला था।
Sardara Singh को वर्ष 2012 में Arjuna Award for Hockey से सम्मानित किया गया था।
वर्ष 2017 में सरदार सिंह को Rajiv Gandhi Khel Ratna award for Hockey से सम्मानित किया गया था।
दीपा मलिक
दीपा मलिक (जन्म:30 सितंबर 1970), शॉटपुट एवं जेवलिन थ्रो के साथ-साथ तैराकी एवं मोटर रेसलिंग से जुड़ी एक विकलांग भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2016 पैरालंपिक में शॉटपुट में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा। 30 की उम्र में तीन ट्यूमर सर्जरीज और शरीर का निचला हिस्सा सुन्न हो जाने के बावजूद उन्होने न केवल शॉटपुट एवं ज्वलीन थ्रो में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीते हैं, बल्कि तैराकी एवं मोटर रेसलिंग में भी कई स्पर्धाओं में हिस्सा लिया है। उन्होने भारत की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 33 स्वर्ण तथा 4 रजत पदक प्राप्त किये हैं। वे भारत की एक ऐसी पहली महिला है जिसे हिमालय कार रैली में आमंत्रित किया गया। वर्ष 2008 तथा 2009 में उन्होने यमुना नदी में तैराकी तथा स्पेशल बाइक सवारी में भाग लेकर दो बार लिम्का बूक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया।
अंतर्राष्ट्रीय खेलों में 18 पदक।
श वर्ष 2016 के पैरालम्पिक खेलों में रजत पदक। पहली भारतीय महिला जिन्होंने पैरालम्पिक खेलों में मेडल (शॉट पुट) जीता।
श वर्ष 2010 को चीन में हुए पैरा एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता।
श वर्ष 2011 में, आईपीसी विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।
2019 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
दीपा को 2012 में अजुर्न अवॉर्ड
और 2017 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
बजरंग पुनिया
बजरंग पुनिया एक पहलवान है । वे फ्रीस्टाइल पहलवानी में अंतराष्ट्रीय स्तर के पहलवान है। बजरंग पुनिया का जन्म 1994 में झज्जर जिले के खुदन गांव में हुआ। उन्होंने सात साल की उम्र से ही कुश्ती की दुनिया में कदम रख लिया था।
बजरंग ने 2013 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीता, जिसमें देश के लिए कांस्य जीता।
उसके बाद, उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई खेलों और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों सहित विभिन्न कुश्ती चैंपियनशिप में कई पदक जीते।
बजरंग पुनिया के नाम के साथ विवाद भी जुडा है ।
बजरंग पुनिया ने एक बार खल रत्न पुरस्कार देने की सरकारी नीति की खुलकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि वह अदालत में उन्हें सम्मान देने की नीति के बारे में पूछताछ करने के लिए स्थानांतरित करेंगे।
कथित तौर पर, विराट कोहली को जीरो के एक उपलब्धि स्कोर के साथ राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान मिला, जबकि बजरंग का उच्चतम स्कोर 80 था।
पुरस्कार, सम्मान और उपलब्धियां की बात करें तो
1 2015 में अर्जुन पुरस्कार
और 2019 में पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया जबकि
विश्व प्रतियोगिता में उन्होंने
बुडापेस्ट में सिल्वर (65 किग्रा)
2013 बुडापेस्ट में कांस्य (60 किग्रा)
एशियाई खेल में
2018 में जकार्ता में गोल्ड
2014 इंचियोन में रजत
राष्ट्रमंडल खेल में
2018 गोल्ड कोस्ट में गोल्ड
2014 ग्लासगो में सिल्वर प्राप्त किया।